Global Recession: कोरोना महामारी फैलने के बाद करोड़ों लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया था. वहीं, वैश्विक मंदी (Global Recession) की आशंका ने नौकरीपेशा लोगों को एक बार फिर से डरा दिया है. दरअसल, विश्व बैंक ने 15 सितंबर को एक रिपोर्ट जारी कर आशंका जाहिर की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में इसी तरह बढ़ोतरी होती रही, तो 2023 में वैश्विक मंदी (Global Recession) आ सकती है. गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई (Inflation) पर लगाम लगाने के लिए पिछले 50 सालों के दौरान केंद्रीय बैंकों (Central Banks) ने इस तरह से ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की थी.
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PwC (PricewaterhouseCoopers) ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि अमेरिका में बिजनेस रिस्क मैनेजमेंट को लेकर किए गए एक सर्वे में 50 फीसद लोगों ने कहा कि वे कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने पर विचार कर रहे हैं. वहीं, भारत की बात करें तो भारत में पिछले छह महीनों में स्टार्टअप कंपनियों ने 11,000 कर्मचारियों की छंटनी की है. हालात ज्यादा खराब हुए तो साल के अंत तक यह संख्या 60,000 तक पहुंच सकती है.
जानकार बताते हैं कि अगर अमेरिका और यूरोप में मंदी आई, तो भारत में एक्सपोर्ट कम हो जाएगा. इससे टेक्सटाइल, जेम्स-ज्वैलरी, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, फार्मा, ऑटो जैसे भारत के पारंपरिक निर्यात आइटम्स से जुड़ी इंडस्ट्री में नौकरियां कम हो सकती हैं.
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