भारत सरकार ने Tesla को टैक्स छूट मामले में दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि, अगर Tesla को भारत में कारोबार करने के लिए टैक्स में रियायत चाहिए तो उसे भारत में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में भाग लेना होगा.ऐसी नहीं हो सकता कि, भारत में कंपनी का बाजार हो और रोजगार चाइना में पैदा हो.
कैबिनेट मिनिस्टर कृष्ण पाल सिंह गुर्जर ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि Tesla ने अभी तक सरकार की नीति के अनुसार योजनाओं के लिए आवेदन नहीं किया है. पिछले साल, एलोन मस्क की कंपनी ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर आयात शुल्क करने को कहा था, लेकिन सरकार ने किसी भी रियायत पर विचार करने से पहले देश में ही EV का निर्माण शुरू करने के लिए कहा था.
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गुर्जर ने कहा कि सरकार के पास ऑटोमोबाइल के साथ-साथ एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी के निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव हैं. दोनों योजनाएं घरेलू और विदेशी संस्थाओं के लिए खुली हैं. एक सवाल के जवाब में, मंत्री ने कहा, "कंपनी चीन और भारत के बाजार से श्रमिकों को चाहती है.
लेकिन मोदी सरकार में यह संभव नहीं है. हमारी सरकार की नीति है कि अगर भारत के बाजार का उपयोग करना है, तो नौकरी के अवसरों को भारतीयों को देना होगा. मंत्री का यह जवाब एक सवाल के उत्तर में आया कि क्या सरकार टेस्ला को भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए आमंत्रित करेगी और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के बड़े पैमाने पर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं?
गुर्जर ने कहा कि, "मोदीजी की सरकार में ये नहीं हो सकता है कि रोजगार चीन को और बाजार भारत का. मोदीजी सरकार की नीति है की अगर बाजार भारत का है, रोजगार भी भारत के लोगों को मिलेगा. ऐसा होता है कि नौकरियां चीन में हैं जबकि बाजार भारत है. सरकार की नीति है कि अगर बाजार भारत है, तो भारत में लोगों को नौकरी मिलनी चाहिए.