केंद्र सरकार ने इस साल 7 मार्च को महंगाई भत्ते (DA) में 4% की बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा में 25% की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है, जो 1 जनवरी 2024 से प्रभावी होगा. इस बढ़ोतरी के साथ अब ग्रेच्युटी सीमा 20 लाख से बढ़कर 25 लाख हो गई है.
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की तरफ से जारी की गई रिलीज में कहा गया है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन में सरकार के फैसलों के अनुसार, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 या केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 के तहत सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 1 जनवरी 2024 से 25% यानी 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख की जाएगी.
ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने का फैसला मूल रूप से इस वर्ष अप्रैल में किया गया था, लेकिन 7 मई को एक सर्कुलर ने इस पर रोक लगा दी.
ग्रेच्युटी वह राशि है जो नियोक्ता अपने कर्मचारी को कंपनी को दी जाने वाली सेवाओं के बदले में देता है. हालांकि, केवल उन्हीं कर्मचारियों को ग्रेच्युटी राशि दी जाती है जो कंपनी में पांच साल या उससे अधिक समय से कार्यरत हैं. वेतन, पेंशन और भविष्य निधि (PF) के अलावा दिया जाता है. यह ग्रेच्युटी पेमेंट एक्ट, 1972 द्वारा शासित होती है.
बता दें, इससे पहले मार्च में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (DA) और पेंशन भोगियों को महंगाई राहत (DR) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दी थी.
1 जनवरी, 2024 से प्रभावी नई दर मूल वेतन/पेंशन के मौजूदा 46% की दर से 4% की वृद्धि दर्शाती है. महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में बढ़ोतरी ने मूल्य वृद्धि की भरपाई की .
सरकार ने कहा कि इस बढ़ोतरी से राज्य के खजाने पर प्रति वर्ष 12,868.72 करोड़ का बोझ पड़ेगा और इससे देश भर में 49.18 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा.