Haldiram : नमकीन शब्द सुनते ही हमारे मन में सबसे पहला नाम हल्दीराम का ही आता है. 87 साल पुराना ब्रांड पुरे भारत में फेमस है. लेकिन अब इस कंपनी से जुड़ी खबर सामने आई है.खबर हल्दीराम के बिक्री को लेकर है, जल्द ही बिक सकती है हल्दीराम कंपनी. आपको बता दें, दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट इक्विटी फंड ब्लैकस्टोन, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर के जीआईसी (GIC) ने मिलकर हल्दीराम स्नैक्स फूड (Haldiram Snacks Food Pvt Ltd) को खरीदने के लिए पिछले हफ्ते प्रस्ताव पेश किया था. इन कंपनियों ने मिलकर कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक नॉन-बाइंडिंग बिड सबमिट की है. आपको बता दें, अग्रवाल परिवार का दिल्ली और नागपुर वाला संयुक्त पैकेज्ड स्नैक्स और फूड कारोबार हल्दीराम स्नैक्स फूड के तहत ऑपरेट करता है.
87 साल पुरानी हल्दीराम भारत की सबसे बड़ी स्नैक और कंविनियन्स फूड कंपनी है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैकस्टोन के नेतृत्व में ये ग्रुप हल्दीराम की 74-76% हिस्सा खरीदना चाहता है. हल्दीराम की वैल्यू 8-8.5 अरब डॉलर (66,400-70,500 करोड़ रुपये) के करीब आंकी गई है. एडीआईए और जीआईसी दोनों ब्लैकस्टोन के ग्लोबल फंड के सीमित पार्टनर या स्पॉन्सर हैं. यदि यह डील कामयाब होती है, तो यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी खरीदारी की डील होगी.
हल्दीराम परिवार के दो गुटों ने अपने एफएमसीजी या पैकेज्ड फूड बिजनेस और अपने रेस्टोरेंट बिजनेस को दो अलग-अलग कंपनियों में बांट दिया है. इसके बाद, नागपुर गुट के नेतृत्व वाली हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (एचएफआईपीएल) और दिल्ली परिवार के नेतृत्व वाली हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड (एचएसपीएल) को एक नई इकाई - हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड (एचएसएफपीएल) बनाने के लिए मर्ज किया गया है.
इस विलय के बाद, मनोहर अग्रवाल और मधु सूदन अग्रवाल के नेतृत्व वाले परिवार के दिल्ली पक्ष के पास हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड की 55% हिस्सेदारी होगी, जबकि कमल कुमार शिवकिसन अग्रवाल के नेतृत्व वाले नागपुर गुट के पास बाकी हिस्सेदारी होगी.