देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) जारी हैं और छह चरणों का मतदान हो चुका है. अब आखिरी एक चरण का मतदान बाकी है, जो 1 जून को होगा और उसके बाद चार जून 2024 को चुनावी नतीजे आएंगे. इस आम चुनाव में हेलीकॉप्टर ऑपरेटर ने खूब पैसा कमाया है, 4 जून करीब आते-आते कमाई का आंकड़ा 350-400 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. आमतौर पर चुनाव प्रचार के दौरान हेलिकॉप्टर्स की डिमांड (Helicopter Demand) में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलता है और इस बार भी यही देखने को मिला है.
चुनावी आते ही तमाम तरह के बिजनेस जोर पकड़ने लगते हैं, फिर चाहे बात होर्डिंग बैनर, गमछा, पार्टी की टोपियां हो या नेताओं के प्रचार अभियान में शामिल हेलिकॉप्टर्स की. इलेक्शन टाइम हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों (Helicopter Operators) के लिए खासा व्यस्त होता है और मांग में भारी उछाल के कारण चार्टरिंग दरें भी 50% तक बढ़ जाती हैं. बता दें कि हेलिकॉप्टर्स को प्रति घंटे के हिसाब से किराए पर लिया जाता है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ट्विन इंजन वाले 8-सीटर हेलिकॉप्टर की लागत प्रति घंटे करीब 3 लाख रुपये होती है.
3 लाख रुपये के हिसाब से समझें तो 180 घंटों के लिए प्रति हेलिकॉप्टर किराया करीब 4-5 करोड़ रुपये होता है. रिपोर्ट की मानें तो इस बार का लोकसभा चुनाव हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स के लिए सबसे ज्यादा कमाई वाला साबित हुआ है और इस दौरान इनकी कमाई का आंकड़ा लगभग 350-400 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इसमें बताया गया है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान 6-7 लोगों के बैठने की क्षमता वाले BEL407 जैसे सिंगल इंजन वाले हेलिकॉप्टर का किराया बढ़कर 1.3-1.5 लाख रुपये प्रति घंटा हो गया है, तो वहीं 7-8 की क्षमता वाले ऑगस्टा AW109 और H145 एयरबस हेलिकॉप्टर के किराये में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है, जो प्रति घंटा 2.3-3 लाख रुपये तक पहुंच गया. चुनाव अभियानों के लिए किराये पर लिए जाने वाले हेलिकॉप्टर्स की लिस्ट में तीसरे कॉन्फिगरेशन में 15-सीटर अगस्ता वेस्टलैंड भी शामिल है और इनका किराया 4 लाख रुपये प्रति घंटे से शुरू होता है. रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया (RWSI) के प्रेसिडेंट (पश्चिमी क्षेत्र) कैप्टन उदय गेली की मानें तो करीब 165-170 नॉन-शेड्यूल ऑपरेटर (NSOP) हैं और लगभग 30-35 ट्विन इंजन हेलिकॉप्टर्स हैं. एनएसओपी का कोई विशेष निर्धारित कार्यक्रम नहीं होता है और जब भी जरूर होती है, वे उड़ान भरते हैं.