Hindenburg 2.0: 24 जनवरी 2023 का दिन अडानी ग्रुप कभी नहीं भूल सकता क्योंकि इसी दिन अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयर मैनिपुलेशन से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए गए थे. इसके बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. अब लगभग 8 महीने बाद भारत के जाने माने कॉर्पोरेट घरानों पर एक नई मुसीबत आने वाली है.
जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड से जुड़ी ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) नाम की अमेरिकी संस्था भारत के कुछ कॉरपोरेट हाउसेज के खिलाफ इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट लाने की योजना बना रही है.
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न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की रिपोर्ट अंतिम चरण में है. सूत्रों के मुताबिक, यह संस्था कॉरपोरेट हाउसेज को लेकर रिपोर्ट्स की एक सीरीज पब्लिश कर सकता है. PTI सूत्रों के मुताबिक, ये खुलासा कॉरपोरेट हाउस के शेयरों में ओवरसीज फंड्स के इन्वेस्टमेंट से जुड़ा हो सकता है. हालांकि इसमें किन भारतीय कंपनियों या कारोबारी ग्रुप के बारे में खुलासा होगा, इसका जिक्र नहीं किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जॉर्ज सोरोस को मोदी सरकार का कट्टर विरोधी माना जाता है. उन्होंने कई बार मोदी सरकार की आलोचना की है. OCCRP की स्थापना साल 2006 में हुई थी. ये संस्था 24 नॉन-प्रॉफिट इन्वेस्टिगेटिव सेंटर्स से मिलकर बनी है. जॉर्ज अपनी इकाई ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के जरिए ओसीसीआरपी की फंडिंग करते हैं. इसके अलावा रॉकफेलर ब्रदर्स फंड, फोर्ड फाउंडेशन और ओक फाउंडेशन से भी ग्रुप को फंडिंग मिलती है. इस संस्था का नेटवर्क एशिया, यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका तक फैला हुआ है.
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