Home and Car Insurance claim in Biparjoy: चक्रवात बिपरजॉय (Biparjoy) गुजरात के तट पर दस्तक दे चुका है. यह कोई अकेला तूफान नहीं, हर साल इस तरह के कई तूफान, बाढ और चक्रवात जैसी अन्य तरह की आपदायें आती हैं. ऐसे समय में लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) तो ज़रूरी होता ही है, साथ ही घर और कार का बीमा होना भी उतना ही ज़रूरी है. बीमा न होने का असर ये होगा कि अगर आपकी कार या घर को कोई नुकसान होता है तो इसका सारा भार आपकी जेब पर पड़ेगा. मालूम हो कि ये नुकसान प्राकृतिक घटनाओं के साथ- साथ इंसानी दुर्घटनाओं से भी हो सकता है. तो चलिए जान लेते हैं कि होम और कार इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत क्या-क्या कवर होता है.
होम इंश्योरेंस के तहत बाढ़, भूकंप, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से प्रॉपर्टी और उसमें रखे सामान को होने वाला नुकसान कवर होता है. इसके साथ ही चोरी या दंगों में होने वाला नुकसान, घर में रखे सामान की चोरी या डैमेज और पर्सनल एक्सीडेंट भी कवर होता है. बता दें कि पर्सनल एक्सीडेंट कवरेज के तहत केवल तभी आपके नुकसान की भरपाई होती है जब इंश्योर्ड घर में रहते हुए आपको कोई चोट लगती है या एक्सीडेंट होता है.
होम इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से अलग-अलग छोटे कवर भी खरीद सकते हैं या फिर एक ही क्लब्ड पॉलिसी (Clubbed Policy) खरीद सकते हैं जैसे कि- कॉम्प्रेहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी (Comprehensive Home insurance Policy). होम इंश्योरेंस के तहत आपको केवल कंस्ट्र्क्शन कॉस्ट का भुगतान किया जाता है, जमीन की कीमत का नहीं. अगर घर को दोबारा बनवाने की ज़रूरत पड़ती है तो कंस्ट्रक्शन की कीमत, जिस शहर में आप रहते हैं, उसमें घर बनाने में आने वाली लागत और घर के कार्पेट एरिया को मल्टीप्लाई करके तय की जाती है. एक बात और कि होम इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत मिलने वाली पूरी राशि आपको केवल प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए नहीं दी जा सकती है. चलिए इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए कि आपकी होम इंश्योरेंस पॉलिसी 20 लाख रुपये की है और बीमा कंपनी ने तूफान से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 10 लाख रु. तय किए हुए हैं. तो अगर आपको 15 लाख रु. का नुकसान होता है तो भी आपको केवल 10 लाख रु. का ही क्लेम मिलेगा.
इसलिए पॉलिसी खरीदते समय ध्यान रखें कि जिन सेगमेंट में आपको नुकसान ज्यादा हो सकता है, कंपनी से उसमें अमाउंट ज्यादा रखने के लिए कहें.
प्राकृतिक आपदा या चोरी की वजह से आपकी गाड़ी को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भी इंश्योरेंस पॉलिसी होती है. कॉम्प्रिहेंसिव पैकेज के इतर आप एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन के लिए इसके तहत अलग से एड-ऑन कवर (Add-on Cover) भी ले सकते हैं. उदाहरण के लिए, आपके इंजन की प्रोटेक्शन के लिए अलग से इंजन प्रोटेक्शन कवर (Engine Protection Cover) भी होता है. अगर आप ऐसे एरिया में रहते हैं जहां चक्रवात और बाढ़ ज्यादा आते हैं तो आपकी गाड़ी का इंजन खराब हो सकता है. इसलिए ये ज़रूरी हो जाता है कि कार इंश्योरेंस (Car Insurance) में अलग से इंजन प्रोटेक्शन कवर एड-ऑन कर लें.
साथ ही यह जानना भी बेहद ज़रूरी है कि चक्रवात या बाढ़ के समय गाड़ी खड़ी हुई है और पानी भरने से इंजन खराब हुआ है तभी बीमा कंपनी में आप क्लेम कर सकते हैं. अगर गाड़ी चलाते समय ये नुकसान हुआ है तो आपका क्लेम नामंज़ूर हो सकता है. आप साइक्लोन सीजन के ठीक पहले अलग से ये एड-ऑन कवर नहीं खरीद सकते हैं. ये एड-ऑन केवल पॉलिसी को रिन्यु कराते वक्त या नई पॉलिसी खरीदते वक्त ही खरीदे जा सकते हैं.
इंजन प्रोटेक्शन के लिए एड-ऑन कवर लेने के अलावा इनवॉइस-प्रोटेक्शन कवर (Invoice Protection Cover) भी ले सकते हैं. इसके तहत कार की इनवॉइस यानि ऑरिजनल वैल्यू जितनी अमाउंट ऑफर होती है. साथ ही आप रबर मैट, वाइपर ब्लेड, हेडलाइट और मड फ्लैप जैसी दूसरी एक्सेसरी के प्रोटेक्शन के लिए भी एड-ऑन कवर खरीद सकते हैं. इन एड-ऑन कवर के लिए आपको अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा.
प्राकृतिक आपदा आने पर सबसे पहले या तो बीमा कंपनी के स्थानीय ऑफिस को जानकारी दें या फिर कंपनी के कॉल सेंटर पर फोन करें. याद रखें कि अगर चक्रवात की वजह से आपकी कार के आसपास पानी भर गया है तो इंजन को शुरू न करें क्योंकि इससे इंजन को होने वाला डैमेज बढ़ सकता है. क्लेम के लिए एप्लीकेशन मिलते ही इंश्योरेंस कंपनी सर्वेयर को असाइन करती है जो कि क्लेम सेटल करने से पहले चेक करता है कि नुकसान कितना हुआ है. इंश्योरेंस कंपनी पहचान के लिए KYC डॉक्युमेंट जमा करने के लिए कहती है लेकिन कुछ घटनाओं के मामले में सेटलमेंट की प्रक्रिया आसान होती है. कुछ मामलों में बीमा कंपनी अपने डेटाबेस से क्रॉस चेक करने के लिए केवल वह तारीख और साल जिस दिन पॉलिसी इश्यू की गई थी, पूछती हैं और क्लेम का सेटलमेंट कर देती हैं. इसी तरह अगर आपकी गाडी को नुकसान हुआ है तो कंपनी को तुरंत इसकी जानकारी दें. साथ ही कुछ फोटो और वीडियो भी रिकॉर्ड कर लें जिससे कि व्हीकल इंस्पेक्शन के वक्त सर्वेयर को डैमेज प्रूफ दिया जा सके.