Cost Inflation Index: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मौज़ूदा वित्त वर्ष के लिए कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स (CII) जारी कर दिया है. कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स के ज़रिए हर साल गुड्स और एसेट्स की औसतन कीमतों में इनफ्लेशन या डिफ्लेशन की वजह से होने वाले बदलाव की जानकारी दी जाती है. बता दें कि आमतौर पर ये इंडेक्स जून में जारी किया जाता है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, वित्त वर्ष (Financial Year) 2023-24 के लिए कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स (CII) 348 रहा. पिछले वित्त वर्ष में CII 331 था और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए यह 317 था.
AMRG & Associates के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि सीआईआई से टैक्सपेयर्स लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Long Term Capital Gains Tax) को कैलकुलेट करने में मदद मिलेगी, जिससे वे समय पर एडवांस टैक्स (Advance Tax) जमा कर सकेंगे.
मोहन ने आगे कहा कि टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस वर्ष का कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स 3 महीने पहले ही जारी कर दिया है. टैक्सपेयर्स अब वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में लॉन्ग टर्म गेन्स पर लागू टैक्स की सटीक कैलकुलेशन कर सकते हैं और ज़रूरी एडवांस टैक्स का भुगतान कर सकते हैं.
कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स को हर साल इनकम टैक्स, 1961 (Income Tax Act, 1961) के तहत जारी किया जाता है. सीआईआई का इस्तेमाल गोल्ड, रियल एस्टेट सहित इन्वेस्टमेंट और एसेट के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स को कैलकुलेट करने के लिए किया जाता है. सीआईआई के ज़रिए ही आपको पता चलता है कि महंगाई बढ़ने से किसी प्रॉपर्टी की रियल वैल्यू में कितनी बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही आप इसके ज़रिए कैपिटल एसेट या प्रॉपर्टी को बेचने पर होने वाले मुनाफे पर लागू कैपिटल गेन्स टैक्स के बारे में भी जान सकते हैं.