Q1 GDP Data: वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के जीडीपी (GDP) आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. अप्रैल से जून तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.8 फीसदी रही है. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये आंकड़ा 13% रहा था. अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि इस साल भारत की जीडीपी 7.7 फीसदी रह सकती है.
अगर सेक्टर वाइज ग्रोथ की बात करें तो एग्रीकल्चर सेक्टर में ये ग्रोथ 3.5% रही जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2.4% थी. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 4.7% रही जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6.1% थी. कंस्ट्रक्शन सेक्टर में जीडीपी 7.9% रही जो कि पिछले वित्त वर्ष 16% थी. वहीं, इस तिमाही प्राइवेट कंजम्पशन की जीडीपी 6 फीसदी रही जो कि पिछले वित्त वर्ष अप्रैल-जून तिमाही में 19.8% थी. वहीं, सरकारी खर्च में नकारात्मक ग्रोथ देखने को मिली है जो कि -0.7 फीसदी रही. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये 1.8% थी. सर्विसेस और मैन्युफैक्चरिंग के कारण अप्रैल-जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था एक साल में सबसे तेजी से बढ़ी है.
फाइनेंशियल सर्विसेस सेक्टर में ग्रोथ 7.1% से बढ़कर 12.2% और ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट सेक्टर की ग्रोथ 9.1% से बढ़कर 9.2% रही. माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 4.3% से बढ़कर 5.8% रही. वहीं, इलेक्ट्रिसिटी और पब्लिक यूटिलिटी की ग्रोथ घटी है जो 6.9% से कम होकर 2.9% रही. वहीं, GVA यानी ग्रॉस वैल्यू एडेड की बात करें तो पिछली तिमाही Q4FY23 के 6.5% की तुलना में Q1FY24 यानी अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% रहा.
बता दें कि जीडीपी के आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने जारी किए हैं.
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बता दें कि वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी पहली तिमाही में 13.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.5 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.1 फीसदी की दर से बढ़ी.
जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (Gross Domestic Product). किसी एक साल में देश में जितनी भी सेवायें और सामान प्रोड्यूस किए जाते हैं, उनकी कुल वैल्यू को जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) कहा जाता है. GDP से किसी देश की इकॉनमी की हालत का पता चलता है. यह दो प्रकार की होती है- रियल जीडीपी (Real GDP) और नॉमिनल जीडीपी (Nominal GDP). रियल जीडीपी में बेस ईयर की वैल्यू पर गुड्स और सर्विसेज की कैलकुलेशन की जाती है. जबकि, नॉमिनल GDP में मौज़ूदा वैल्यू पर कैलकुलेशन की जाती है.
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