Retail Inflation Data For May 2023: खुदरा महंगाई दर में फिर गिरावट आई है. मई महीने के लिए खुदरा महंगाई दर घटकर 4.25 फीसदी पर जा पहुंची है जो पिछले महीने (अप्रैल) में 4.70 फीसदी रही थी. राहत की बात ये है कि ये लगातार चौथा महीना है जब खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है.
खुदरा महंगाई दर में कमी से सबसे ज्यादा राहत उन लोगों को मिल सकती है जो महंगी ईएमआई (EMI) से परेशान है. आने वाले दिनों में सस्ते कर्ज की उम्मीद बढ़ने लगी है. वहीं खाने के तेल समेत अन्य चीजों के दामों पर इसका असर होगा.
अनाज और सब्जियों (Vegetables and oil) की कीमतों में कमी के साथ ही ऊर्जा की कम कीमतों में नरमी की वजह से मई महीने में मुद्रास्फीति के स्तर को नीचे रखने में मदद मिली है. इसके अलावा एलपीजी और मिट्टी के तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज गिरावट को मई में कम ईंधन मुद्रास्फीति से भी जोड़ा जा सकता है.
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सांख्यिकी मंत्रालय ने सोमवार को भारत की खुदरा मुद्रास्फीति (India’s retail inflation) के आंकड़े जारी कर दिए हैं. मई में सालाना आधार पर 25 महीने के निचले स्तर 4.25 प्रतिशत पर आ गई. जबकि, अप्रैल में यह 4.70 प्रतिशत थी. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के टॉलरेंस बैंड 2-6 प्रतिशत के भीतर रही है.
कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CPFI) अप्रैल के 3.84 प्रतिशत से घटकर मई में 2.91 प्रतिशत पर आ गई है. ग्रामीण मुद्रास्फीति 4.17 प्रतिशत जबकि शहरी मुद्रास्फीति 4.27 प्रतिशत रही. मई में सब्जियों की महंगाई दर में 8.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
खाद्य-पेय और ईंधन सेगमेंट के लिए मुद्रास्फीति का स्तर क्रमशः 3.29 प्रतिशत और 4.64 प्रतिशत रहा है. वहीं, अनाज के लिए मुद्रास्फीति की दर 13.67 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 12.65 प्रतिशत पर आ गई.
मई 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी रही थी. खाद्य महंगाई दर में भी बड़ी गिरावट आई है और ये 3 फीसदी के नीचे जा पहुंची है. मई में खाद्य महंगाई दर घटकर 2.91 फीसदी पर आ गई जो अप्रैल 2023 में 3.84 फीसदी रही थी. जबकि मई 2022 में खाद्य महंगाई दर 7.97 रही थी.