NSO Update : एक नया सर्वे सामने आया है ,भारत में लोग खाने- पिने की चीज़ो पर कम और मनोरंजन ,कपडे और अन्य चीज़ो पर ज्यादा खर्च कर रहे है. Ministry of Statistics (एनएसओ) की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय परिवारों का घरेलू खर्च पिछले 10 वर्षों में दोगुना से ज्यादा बढ़ गया है. सर्वेक्षण के आंकड़ों अगस्त 2022 से जुलाई 2023 के बीच प्राप्त हुए हैं.
NSO के अनुसार 2022-23 में शहरी क्षेत्रों में औसत मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग खर्च (एमपीसीई) बढ़कर अनुमानित 6,459 रुपये हो गया. 2011-12 की तुलना में यह खर्च ज्यादा है, 2011-12 में ये खर्च 2,630 रुपये था.
अगर ग्रामीण भारत के लिहाज़ से देखे तो मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग खर्चखर्च 1,430 रुपये से बढ़कर 3,773 रुपये तक बढ़ गया है.
फ़ूड आइटम्स पर प्रतिशत के रूप में कम खर्च
भारतीय परिवार खाद्य पदार्थों पर प्रतिशत के रूप में कम खर्च कर रहे हैं. कपड़े, टीवी और मनोरंजन जैसे माध्यमों पर ज्यादा पैसे खर्च कर रहे है. यह कुल आंकड़ा 2,61,746 घरों के सर्वे से जुटाया गया है. जिसमें 1,55,014 घर गांवों के और 1,06,732 घर शहरी इलाकों के हैं.
ग्रामीण भारत में खाने-पीने पर प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 1,750 और शहरों में 2,530 रुपये रहा। गांवों में दूध और इससे बनी चीजों पर प्रति व्यक्ति औसत मासिक खर्च 314 रुपये और अनाज पर 185 रुपये रहा. शहरों में इन चीज़ो पर खर्च 466 और 235 रुप
गांवों में मासिक खपत में भोजन का हिस्सा घटकर 46.4 प्रतिशत रहा है. 2011-12 में यह 53 फीसदी था। नॉन फ़ूड चीज़ो की खपत 47 फीसदी से बढ़कर 53.6 फीसदी हो गई. शहरी भागों में भोजन की हिस्सेदारी 42.6 फीसदी से घटकर 39.2 फीसदी हो गई.
देश में सिक्किम खर्च करने में पहले नंबर पर है. प्रति व्यक्ति मासिक खर्च सिक्किम के गांवों में 7731 और शहरों में 12105 रुपए है. दूसरे पायदान पर दिल्ली है. दिल्ली के गांवों में प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 6576 रुपए और शहर में 8217 रुपए है . तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है , महाराष्ट्र में 4010 रुपए गांवों में और 6657 रुपए शहरों में खर्च किया औसत खर्च होता है.