UPI Payments: भारत में डिजिटल पेमेंट में यूपीआई के इस्तेमाल के बाद डेबिट कार्ड से पेमेंट में भारी गिरावट आई है. मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2023 तक जहां डेबिट कार्ड से 100 रु. खर्च किए गए, वहीं यूपीआई के ज़रिए लोगों ने 1900 रु. खर्च किए. बता दें कि इस्तेमाल में आसानी और ज़ीरो फीस की वजह से यूपीआई के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई है.
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 में डेबिट कार्ड से कुल 7.2 लाख करोड़ रुपये तक के ट्रांजेक्शन किए गए. वहीं, एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई के ज़रिए 139.2 लाख करोड़ रुपये तक का ट्रांजेक्शन किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, डेबिट कार्ड के माध्यम से ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में भी कमी देखने को मिली है. FY21 में डेबिट कार्ड से 4 बिलियन (अरब) ट्रांजेक्शन किए गए जो कि FY22 में घटकर 3.9 बिलियन और FY23 में 3.4 बिलियन हो गया. इस बीच, FY23 में UPI से 83.8 बिलियन ट्रांजेक्शन किए गए.
जहां ग्राहक यूपीआई का इस्तेमाल उपयोग में आसानी और सुविधा की वजह से करते हैं, वहीं व्यापारी ज़ीरो मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) फीस की वजह से यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं. पेमेंट के लिए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले व्यापारियों को 0.5% से 0.9% तक फीस का भुगतान करना पड़ता है.
ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) के पार्टनर रोहन लखैयार ने मिंट को बताया, “व्यापारी UPI पेमेंट को अधिक प्राथमिकता देते हैं क्योंकि उन्हें इसके लिए महंगी PoS [प्वाइंट ऑफ सेल] मशीनें नहीं खरीदनी पड़ती हैं.
इसके अलावा यूपीआई में ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट जल्दी हो जाता है, जबकि डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन में यह अगले दिन होता है.