पूंजी बाजार नियामक सेबी के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष में म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश का आधा हिस्सा एक साल के भीतर भुना लिया गया. इतना ही नहीं, 73% म्यूचुअल फंड यूनिट्स को सिर्फ 2 साल के निवेश के साथ भुनाया गया. केवल 3% निवेश 5 वर्षों से अधिक समय तक जारी रहा.
अब, यह काफी चिंताजनक है. क्योंकि लंबी अवधि के लिए निवेश करना धन सृजन का आधार है. शुरुआती कुछ वर्षों के बाद ही आप वास्तव में चक्रवृद्धि की शक्ति के लाभों को देख पाते हैं. इक्विटी म्युचुअल फंड के लिए विशेषज्ञों का कहना है कि कम से कम 5 साल जरूरी है.
पिछले रिटर्न का पीछा करने से अक्सर निराशा हो सकती है और निवेशक जल्द ही अपने इक्विटी म्यूचुअल फंड से बाहर निकल जाते हैं. ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल कहते हैं कि इसके बजाय आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर वित्तीय योजना और निवेश सुनिश्चित करेंगे कि आप सही उपकरणों में निवेश करें और लंबी अवधि के लिए निवेशित रहें.
मठपाल कहते हैं कि यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि आपका निवेश लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को मात दे. इसके लिए लंबी अवधि के इक्विटी निवेश जरूरी है.