1 अप्रैल 2024 से हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी के नियमों में बदलाव लागू किए है. इन्शुरन्स रेगुलेटरी अथॉरिटी IRDAI ने कुछ नियमों में बदलाव किया है जो पॉलिसीधारकों के लिए फायदेमंद साबित होने वाला है. पहले से मौजूद बीमारियों यानी ( Pre Existing Diseases ) के लिए वेटिंग पीरियड को घटाया गया है. यह वह समय सीमा है जिसके दौरान पॉलिसी लेने के पहले से बीमारी कवर नहीं की जाएगी. यह पहले , जो पहले चार साल तक थी, अब इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया है.
IRDAI ने अब क्लेम्स सेटलमेंट करने की अवधि को घटाया गया है. पहले आठ साल तक थी क्लेम सेटलमेंट की समय सीमा अब इसे 5 साल तक घटाया गया है. अब आपकी पॉलिसी इस्सू होने के पांच साल बाद, बीमाकर्ता या इन्शुरन्स कंपनी ( Insurer ) किसी भी स्थापित धोखाधड़ी को छोड़कर, किसी भी (Non Disclosure) के आधार पर आपके दावे को रिजेक्ट नहीं कर पाएगा.
नए नियमों में किसी अधिकतम एंट्री का आगे का उल्लेख नहीं है. सर्कुलर कहता है कि ,"बीमाकर्ताओं ( Insurance Company ) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सभी उम्र के समूहों को हेल्थ इन्शुरन्स देने के लिए हेल्थ इन्शुरन्स प्रोडक्ट पेश करें". इसमें यह भी कहा गया है कि बीमाकर्ता वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, बच्चों आदि जैसे विशिष्ट समूहों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष रूप से उत्पाद डिजाइन कर सकते हैं.
“नियमित स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए प्रवेश की अधिकतम आयु 65 वर्ष थी. अब इसे खोल दिया गया है. अर्थात्, बीमाकर्ता यह निर्णय ले सकते हैं कि उनकी नियमित पॉलिसियां केवल 60 वर्ष की आयु तक के लोगों के लिए उपलब्ध होंगी.
फ़र्स्ट पॉलिसी इंश्योरेंस ब्रोकर्स के क्षेत्रीय निदेशक, हरि राधाकृष्णन ने मनीकंट्रोल को बताया, “अन्य लोगों को बुजुर्ग व्यक्तियों पर लक्षित पॉलिसियों से समझौता करना पड़ सकता है.”
जबकि 65 वर्ष से अधिक उम्र वालों को भी पहले भी स्वास्थ्य बीमा मिल सकता था; अब नियामक ने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि सभी आयु समूहों को स्वास्थ्य उत्पादों तक पहुंच होनी चाहिए. इसका मतलब यह है कि बीमाकर्ता पॉलिसी जारी करने से इनकार करने का कारण उम्र नहीं बता सकते. हालांकि, इस बारे में कुछ स्पष्टता की आवश्यकता है कि क्या इसका मतलब यह है कि बीमाकर्ताओं के पास केवल वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिज़ाइन किए गए विशिष्ट उत्पादों की पेशकश करने का विकल्प है और यदि इसका मतलब है कि उन्हें अपनी नियमित स्वास्थ्य पॉलिसियों के लिए आयु सीमा निर्धारित करने की स्वतंत्रता है.