दुनियाभर के टेक कंपनियों में छंटनी का दौर चल रहा हैं. कुछ हद तक इसका असर भारत में भी दिखाई दे रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बुरा असर नौकरियों पर पड़ रहा है. IMF जैसी संस्था ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर पहले ही चेतावनी दी है. इस बीच देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को राहत की सांस लेने का मौका दिया है. इंफोसिस (Infosys) के सीईओ सलिल पारेख (Salil Parekh) ने छंटनी और जॉब्स पर कंपनी का पक्ष रखा है. पारेख ने कहा कि इंफोसिस में छंटनी नहीं होगी.
सलिल पारेख ने सीएनबीसी टीवी 18 को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि इंफोसिस नौकरियों में कटौती करने की कोई योजना नहीं बना रहा है. हम एआई की वजह से किसी को नौकरी से नहीं निकाल रहे हैं. सलिल पारेख ने कहा कि इंडस्ट्री में कई कंपनियों ने ऐसे कड़े कदम उठाए हैं. हालांकि, हमारी सोच स्पष्ट है कि हम ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं. आईटी इंडस्ट्री में कई कंपनियों ने एआई को अपनाते हुए बड़ी संख्या में छंटनी की है. हाल ही में दावा किया गया था कि इंफोसिस ने चौथी तिमाही में कर्मचारियों के औसत भुगतान में कटौती की है.
इंफोसिस के सीईओ ने कहा कि बड़ी कंपनियों में कई तरह की टेक्नोलॉजी पर एक साथ काम हो सकता है. उनका अनुमान है कि आने वाले वर्षों में इंफोसिस जेनेरिक एआई में हायरिंग और ट्रेनिंग के जरिए स्किल डेवलप करती रहेगी. इसके चलते इंफोसिस दुनिया की कंपनियों की हर तरह की डिमांड को पूरा करने में सक्षम बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का विकास नौकरियां को खत्म करने के बजाय नए अवसर पैदा करेगा. हम देख रहे हैं कि आर्थिक माहौल सुधरने के साथ ही कंपनियों का डिजिटल खर्च बढ़ रहा है. इसके चलते हायरिंग में भी सुधार आ रहा है. सलिल पारेख ने कहा कि फिलहाल हमने हायरिंग का टारगेट फिक्स नहीं किया है. मगर, यह तय है कि इंफोसिस में हायरिंग चलती रहेगी.