कथित तौर पर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के जवाब में दो दिनी भारत बंद (Nationwide Strike) का आगाज सोमवार से हुआ. दो दिनी देशव्यापी हड़ताल से बैंकिंग (Banking), रेलवे (Railway) और बिजली (Power) समेत कई सेवाओं पर असर पड़ने की आशंका है. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की तरफ से 28 और 29 मार्च को दो दिवसीय देशव्यापी बंद बुलाया गया था. निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारी भी इस बंद का समर्थन कर रहे हैं.
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इसमें अगल अलग ट्रेड यूनियनों के करीब 20 करोड़ से अधिक कर्मचारी शामिल हो रहे हैं. दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के चलते बैंकिंग, परिवहन और बिजली सप्लाई जैसी सेवाएं बाधित रहेंगी, जिससे आम आदमी को समस्याओं का सामना भी करना पड़ेगा. बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों के शामिल होने से बैंकों में दो दिनों तक ताला लटका रहेगा.
बैंक के अलावा रोडवेज, परिवहन और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है, जिस वजह से लोगों को परिवहन और बिजली की समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है. हालांकि बिजली मंत्रालय ने रविवार को सभी सरकारी कंपनियों और अन्य एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने और चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति और राष्ट्रीय ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने को कहा है.