Tax on diesel-engine vehicles: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने डीजल से चलने वाली गाड़ियों और जनरेटरों पर 10% अतिरिक्त पॉल्युशन टैक्स (Pollution Tax) लगाने वाले बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अभी सरकार के सामने ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं दिया गया है.
दरअसल ऑटोमोबाइल लॉबी ग्रुप, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था कि डीजल से चलने वाली गाड़ियों और जनरेटरों का अत्यधिक उपयोग जारी रहता है, तो वह उन पर 'पॉल्यूशन टैक्स' के रूप में 10 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं.
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गडकरी ने आगे कहा कि, हम ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से डीजल इंजन वाली गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग को कम करने का आग्रह कर रहे हैं. अगर ऐसा नहीं होता है तो ये टैक्स लगाना ज़रूरी हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए मैंने एक पत्र तैयार रखा है, जिसे मैं आज शाम 5:30 बजे वित्त मंत्री को सौंपूंगा.
गडकरी ने ये भी कहा था कि 2014 के बाद से घरेलू बाजार में डीजल इंजन गाड़ियों के प्रोडक्शन में गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले वित्त वर्ष में इन गाड़ियों की कुल बिक्री में डीजल इंजन गाड़ियों की संख्या लगभग 18% रही है, जोकि FY14 में 53% थी.
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बयान के कुछ देर बाद मीडिया में डीजल गाड़ी पर 10 फीसदी जीएसटी लगाने की खबरें आने लगीं थी. इस पर सफाई देते हुए नितिन गड़करी ने एक्स पर कहा कि डीजल गाड़ियों की बिक्री पर अतिरिक्त 10 फीसदी जीएसटी लगाने वाली मीडिया रिपोर्ट्स पर स्पष्टीकरण की ज़रूरत है. सरकार के सामने अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है. डीजल जैसे खतरनाक ईंधन की वजह से बढ़ते प्रदूषण को कम करने और 2070 तक कार्बन नेट ज़ीरो के कमिटमेंट को हासिल करने और ऑटोमोबाइल की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए यह ज़रूरी है कि हम स्वच्छ और ग्रीन वैकल्पिक ईंधन की दिशा में सक्रियता से कदम उठाएं और उन्हें अपनाएं. ये ईंधन आयातित ईंधन के विकल्प होंगे, और साथ ही कॉस्ट-इफेक्टिव, देसी और प्रदूषण रहित होंगे.