Cashless Treatment: अगर आपने अपना हेल्थ इंश्योरेंस कराया हुआ है, तो अब आप किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए ज़रूरी नहीं है कि आपके हेल्थ इंश्योरेंस पैनल में वह अस्पताल शामिल हो. अभी तक होता ये था कि जिस कंपनी का हेल्थ इंश्योरेंस आपने लिया हुआ है, अगर वह हॉस्पिटल के पैनल में नहीं है, तो बिना कैश के इलाज हो नहीं पाता है.
इसके लिए जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) ने बुधवार को कैशलेस एवरीव्हेयर मुहिम की शुरुआत की. इसके तहत पॉलिसीहोल्डर्स को उनके पॉलिसी नेटवर्क से बाहर के अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी. यानी कि अगर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के नेटवर्क में कोई हॉस्पिटल लिंक नहीं है और अगर आपका वहाँ इलाज हुआ है तो आपको बिल सेटल करने की और इंश्योरेंस क्लेम के लिए रीइम्बर्समेंट की प्रक्रिया से गुजरना होता है. इस प्रक्रिया में काफी लंबा समय लगता है और कई बार तो क्लेम रिजेक्ट होने का भी डर होता है. कई बार ये प्रोसेस इतनी लंबी खिंच जाती है कि आपके लिए क्लेम के मायने ही खत्म हो जाते हैं. लेकिन अब देश में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर को हर जगह ‘कैशलेस’ इलाज की सुविधा मिलेगी.
ऐसे अस्पताल जहां 15 बेड की सुविधा है और स्टेट हेल्थ अथॉरिटी के साथ उनका रजिस्ट्रेशन है, वहां कैशलेस इलाज की सुविधा का लाभ लिया जा सकता है.
अगर किसी को 'कैशलेस एवरीव्हेयर' का लाभ उठाना है तो इमरजेंसी के मामलों में उसे भर्ती होने के लिए 48 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी को सूचना देनी होगी. इमरजेंसी केस नहीं है तो अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे पहले इंश्योरेंस कंपनी को सूचित किया जाना चाहिए. इंश्योरेंस पॉलिसी में क्लेम एडमिसिबल होना चाहिए और कैशलेस फैसिलिटी भी शामिल होनी चाहिए.
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