Cashless Treatment: अगर आपने अपना हेल्थ इंश्योरेंस कराया हुआ है, तो आप जनवरी 2024 से किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं. इसके लिए ज़रूरी नहीं है कि आपके हेल्थ इंश्योरेंस पैनल में वह अस्पताल शामिल हो. अभी तक होता ये है कि जिस कंपनी का हेल्थ इंश्योरेंस आपने लिया हुआ है, अगर वह हॉस्पिटल के पैनल में नहीं है, तो बिना कैश के इलाज हो नहीं पाता है.
सूत्रों के मुताबिक, 100 फीसदी कैशलेस इलाज और कॉमन इम्पैनलमेंट (सभी इंश्योरेंस कंपनियों की कॉमन लिस्ट) पाने के लिए जनवरी से यह एक अस्थाई अरेंजमेंट होगा. हर इंश्योरेंस कंपनी के पास अलग-अलग हॉस्पिटल्स के साथ अलग-अलग ट्रीटमेंट रेट और पैकेज हैं. ऐसे में आप जिस हॉस्पिटल में गए हैं, उसका किसी इंश्योरर के साथ कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, तो वहां अन्य इंश्योरेंस कंपनियों की रेट्स लागू की जाएंगी.
भारत में अभी केवल 53 फीसदी मरीज ही कैशलेस इलाज करा पा रहे हैं और इस अरेंजमेंट में धोखाधड़ी और ज्यादा चार्ज के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कॉमन इंपैनल्ड (सभी इंश्योरेंस कंपनियों की कॉमन लिस्ट) की सुविधा लागू होने से इस पर नियंत्रण लगेगा. ये व्यवस्था तब तक जारी रहेगी, जब तक कि हॉस्पिटल का कॉमन पैनल लागू नहीं हो जाता. कॉमन पैनल के जरिए कंप्लीट कैशलेस क्लेम संभव हो सकेगा.
नवभारत टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, जूनो जनरल इंश्योरेंस की एमडी और सीईओ शनाई घोष का कहना है कि इस पहल के बाद हर इंश्योरेंस कंपनी का ग्राहक सिंगल सेंट्रलाइज्ड नेटवर्क तक पहुंच बना पाएगा. इसके अलावा, ग्राहकों को एक इंटीग्रेटेड सेंट्रलाइज्ड कैशलेस हॉस्पिटल नेटवर्क मिलेगा. ग्राहकों के पास कोई भी इंश्योरेंस हो, वे सभी कैशलेस हॉस्पिटल्स में इलाज करा पायेंगे.
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