Onion Price Hike: केंद्र सरकार प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए कई अहम कदम उठा रही है. बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी लागू की थी जिसके बाद प्याज की खेती करने वाले किसानों में नाराजगी है और एशिया की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी जो कि महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है, में व्यापारियों ने कामकाज रोक दिया है. इस सबके बीच सरकार ने फैसला लिया है कि वह 25 रु. प्रति किलो की दर से प्याज बेचने वाली है जिससे कि बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके.
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कंज्यूमर अफेयर्स और फूड मिनिस्टर पीयूष गोयल ने 22 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ''17 अगस्त को दो अहम फैसले लिए गए. प्याज पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई. साथ ही सरकार के आदेश पर NAFED और NCCF 3 लाख टन की जगह 5 लाख टन प्याज खरीदेंगे जिससे कि हमारे किसानों को कोई परेशानी न हो. 2 लाख टन प्याज 2,410 रु. प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जाएगी.''
उन्होंने आगे कहा, NAFED और NCCF अलग-अलग रीजन में ग्राहकों के लिए 25 रु. प्रति किलो की रियायती दर पर प्याज बेचेगी. यह सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाएगी.
उनके अनुसार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी जहां प्याज उगाया जाता है वहां NAFED और NCCF प्याज खरीदेंगे. फिलहाल प्याज की खरीद का मूल्य 2,410 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.
बता दें कि प्याज की कीमतें 30 रु. प्रति किलो से 40 रु. प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि आने वाले समय में प्याज की कीमतें रिटेल मार्केट में 60-70 रु. प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं.
क्रिसिल के मुताबिक, फरवरी में महाराष्ट्र जैसे प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों में रबी की फसल जल्दी पक गई. मार्च में इन इलाकों में हुई बेमौसम बारिश से शेल्फ लाइफ 6 महीने से घटकर 4-5 महीने रह गई.
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