Onion Price Hike: नवरात्रि खत्म होते ही देशभर में प्याज के दाम बढ़ने लगे हैं. पिछले कुछ दिनों में दिल्ली एनसीआर में प्याज के दाम लगभग दोगुना हो गए हैं. दिल्ली के अलग-अलग बाज़ारों में प्याज की कीमत 90 रु. प्रति किलो तक पहुंच गई है. इसके अलावा, मुंबई, बेंगलुरु, पंजाब और देश के अन्य शहरों में भी प्याज की कीमत 100 रुपये के करीब पहुंच गई है.
रविवार को बेंगलुरु के यशवंतपुर APMC में प्याज की थोक कीमतें 70 रुपये प्रति किलो थीं, जो एक हफ्ते पहले 50 रुपये प्रति किलो थीं. वहीं महाराष्ट्र की लासलगांव एग्रीकल्चर प्रोड्यूस कमेटी मार्केट में प्याद की होलसेल प्राइस पिछले 15 दिन में 58 फीसदी से 60 फीसदी तक बढ़ गई हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्याज की कीमतें अभी और बढ़ सकती हैं जो कि 100 रुपये क्रॉस करके 150 रुपये किलो तक जा सकती हैं. उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार, 26 अक्टूबर को प्याज की एवरेज होलसेल प्राइस 3,112.6 रु. प्रति क्विंटल तक पहुंच गई जो कि 1 अक्टूबर को 2,506.62 रु. प्रति क्विंटल पर थी.
प्याज की बढ़ती कीमतों पर कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कहा कि राज्यों के रिटेल और होलसेल मार्केट में प्याज का एक्स्ट्रा स्टॉक भेजा जा रहा है. सरकार ने बताया कि इसी साल अगस्त में दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड सहित 16 राज्यों में 1.74 लाख टन प्याज का स्टॉक भेजा गया था. साथ ही अगस्त में ही केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर तक प्याज़ के निर्यात पर 40 फीसदी ड्यूटी लगाई थी ताकि निर्यात सीमित हो और बाज़ार में प्याज़ की सप्लाई रहे और कीमतें नियंत्रण में रहें. बता दें कि अगस्त के पहले प्याज के निर्यात पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता था.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, सरकार ने 27 अक्टूबर को खुदरा बाज़ारों में 25 रु. प्रति किलो की रियायती दर पर बफर स्टॉक से प्याज की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि सरकार अगस्त महीने के बीच से ही प्याज की सप्लाई बढ़ा रही है. जिन राज्यों में दाम बढ़ रहे हैं, वहां थोक और खुदरा दोनों बाज़ारों में बफ़र स्टॉक से प्याज की सप्लाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि प्याज के दाम नवंबर तक बढ़ सकते हैं लेकिन दिसंबर में दाम कम होने की उम्मीद है.
पिछले 15 दिनों में प्याज की आमद 40% तक कम हुई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हालात स्थिर होने में अभी 2 महीने का समय लगेगा. देश में सबसे ज्यादा प्याज उत्पादन करने वाले राज्यों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में सामान्य से कम बारिश के चलते प्याज का उत्पादन कम हुआ है. साथ ही बेमौसम बरसात से बुआई में देरी हुई है. पिछले दो सालों में कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में खरीफ प्याज की बुआई कम हुई है क्योंकि पिछले दो साल में किसानों को नुकसान हुआ है.
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