OpenAI Bankruptcy News : चैटजीपीटी को बनाने वाली कंपनी ओपनएआई 2024 के अंत तक दिवालिया हो सकती है. कंपनी को चैटजीपीटी के मेंटेनेंस पर हर रोज़ करीब 7 लाख डॉलर यानी 5.80 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.
एनालिटिक्स इंडिया मैगजीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओपनएआई के सामने दिवालिया होने का खतरा मंड़रा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का रोज़ाना का खर्च करोडों का है, लेकिन वह उसका एक हिस्सा भी नहीं कमा पाती है.
ओपनएआई ने अपने कंवर्सेशनल एआई का सब्सक्रिप्शन भी चलाया, साथ ही चैटजीपीटी 3.5 और चैटजीपीटी 4 को मॉनेटाइज़ भी किया. इस सबके बावजूद भी ओपनएआई पर्याप्त पैसे नहीं कमा पा रही है.
शुरुआत में तो चैटजीपीटी के यूज़र्स काफी बढ़े थे लेकिन हाल ही के कुछ महीनों में यूज़र्स की संख्या तेजी से घटी है. सिमिलर वेब के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2023 में चैटजीपीटी के यूजर्स 12 फीसदी कम हुए हैं. वहीं, जून 2023 में चैटजीपीटी का यूजर बेस 1.7 अरब था, जो जुलाई में कम होकर 1.5 अरब रह गया है.
चैटजीपीटी के यूज़र्स कम होने के कई कारण हैं. जैसे- अभी के समय में कई कन्वर्सेशनल एआई उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से यूज़र्स का काम चल जाता है. इनका इस्तेमाल करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत नहीं पड़ती है. अब कंपनियां भी चैटजीपीटी का यूज़ न कर अपने खुद के चैटबॉट बनाने लगी हैं. साथ ही गूगल के बार्ड का इंटरफेस चैटजीपीटी की तुलना में आसान है जिसकी वजह से भी लोग बार्ड पर शिफ्ट हो गए हैं.