पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस इस वित्तीय वर्ष में अपने कर्मचारियों की लागत में उल्लेखनीय कमी लाने पर विचार कर रही है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कहा गया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या में करीब 15-20 फीसदी की कटौती कर सकती है. अपने बढ़ते घाटे को मैनेज करने के लिए वन97 कम्युनिकेशंस का लक्ष्य अपने कर्मचारियों की संख्या में 5,000-6,300 कर्मचारियों की कटौती करके 400-500 करोड़ रुपये बचाना है.
वित्तीय वर्ष 2023 में, कंपनी के पे रोल पर औसतन 32,798 कर्मचारी थे, जिनमें से 29,503 सक्रिय रूप से काम कर रहे थे, और प्रति कर्मचारी औसत लागत 7.87 लाख रुपये थी. FY24 के लिए, कुल कर्मचारी लागत साल-दर-साल 34 प्रतिशत बढ़कर 3,124 करोड़ रुपये हो गई, जिससे प्रति कर्मचारी औसत लागत बढ़कर 10.6 लाख रुपये हो गई.
रिपोर्ट बताती है कि कटौती की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, परिचालन को व्यवस्थित करने और लागत में कटौती करने के लिए दिसंबर में 1,000 से अधिक कर्मचारियों को हटा दिया गया है. FY24 के लिए कर्मचारियों की सटीक संख्या का अभी खुलासा नहीं किया गया है.
एक निवेशक प्रेजेंटेशन में, कंपनी ने कहा कि टेक्नोलॉजी, व्यापारी बिक्री और वित्तीय सेवाओं में निवेश के कारण कर्मचारी लागत में वृद्धि हुई है. आगे बढ़ते हुए, इन क्षेत्रों में निवेश जारी रखते हुए, कंपनी अन्य विभागों में लागत में कटौती करने की योजना बना रही है. इसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाकर, मुख्य व्यावसायिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके और उच्च प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को नेतृत्व की भूमिकाओं में प्रमोशन करके करके अपनी लागत संरचना को अनुकूलित करना है.
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन चुनौतीपूर्ण रहा है, जनवरी-मार्च तिमाही में 550 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि पिछले साल यह 168 करोड़ रुपये था. मार्च तिमाही में परिचालन से राजस्व साल-दर-साल 3 प्रतिशत गिरकर 2,267 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी की मुश्किलें 31 जनवरी को शुरू हुईं, जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे उसे नई जमा स्वीकार करने और क्रेडिट लेनदेन करने से रोक दिया गया. इन प्रतिबंधों ने कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजों पर काफी असर डाला.