मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) समेत कई राज्यों में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की आपूर्ति में कमी देखी जा रही है. मध्य प्रदेश में तेल आपूर्ति 50 फीसदी कम किए जाने के बारे में कंपनियां बता रही हैं. इसके अलावा देश के अन्य राज्यों से भी तेल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में पहली बार ये हालात हुए है कि 3 हजार पंप सूखने की कगार पर है. 24 घंटे में सप्लाई नहीं हुई तो 500 पंप बंद हो जाएंगे.
वहीं हिमाचल प्रदेश में पंपों पर डीजल और पेट्रोल का संकट बरकरार है. प्रदेश में वाहन मालिकों और उपभोक्ताओं को जरूरत के अनुसार पेट्रोल और डीजल नहीं मिल पा रहा है. थोक में तेल खरीदने वाले बड़े उपभोक्ताओं खासकर ठेकेदारों को 10 से 15 लीटर तेल ही मिल रहा है. यह स्थिति राजधानी शिमला में बनी हुई है. इसके अलावा हरियाणा व पंजाब सहित कई राज्यों में तेल कंपनियां मांग के अनुपात में पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति नहीं कर रही हैं. बिहार में सप्लाई अभी प्रभावित नहीं हुई है, मगर कंपनियां नकद भुगतान करने पर ही तेल उपलब्ध करवा रही हैं.
क्या है मुख्य वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले महीने 21 मई को केंद्र सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क घटा दी थी, जिससे तेल के बढ़ते दामों की रफ्तार थम गई थी और कीमतों में कुछ कमी होने से लोगों को फौरी राहत मिली थी, लेकिन तब से कंपनियों के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करने में घाटा हो रहा है. इस वजह से पर्याप्त आपूर्ति प्रभावित हो रही है.
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