Pulses and Oilseed Prices: अगस्त महीने में मॉनसून काफी कमजोर रहा. इस दौरान देश में 50 फीसदी तक कम बारिश हुई है. मौसम विभाग (IMD) के आकलन के अनुसार इस साल 8 सालों में सबसे कम बारिश होगी. बता दें कि सितंबर में भी ऐसे ही हालात बनने के आसार हैं. ऐसे में कम बारिश की वजह से दलहन और तिलहन की कीमतें बढ़ सकती हैं. कमजोर मॉनसून की वजह से फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के ज्यादातर हिस्सों में खरीफ की फसल की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है. बुआई के बाद अब इस फसल में फूल आना बाकी है जिस दौरान इन्हें ज्यादा पानी की ज़रूरत पड़ती है. ऐसे में बारिश कम होने से फसलों की पैदावार पर बुरा असर हो सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, देश के मध्य हिस्से में तय मानक से 7 फीसदी, पूर्वी- उत्तरी भारत में 15 फीसदी और दक्षिणी भारत में 17 फीसदी कम बारिश हुई है. वहीं, देश के उत्तर- पश्चिमी भाग में ही ज्यादा बारिश हुई है जो कि पिछले साल से 6 फीसदी ज्यादा है.
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फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, मौसम विभाग के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि अगस्त में पूरे देश में पिछले सालों की तुलना में 35 फीसदी कम बारिश हुई है. ऐसे में सितंबर में बारिश ज्यादा हो भी जाती है तो इस कमी को पूरा करना मुश्किल ही होगा.
बता दें कि खरीफ की फसलों की पैदावार अगस्त-सितंबर की बारिश पर निर्भर करती है. ऐसे में कम बारिश से दलहल, तिलहन के साथ-साथ धान और गन्ने की फसले के उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है. उत्पादन कम होने से कीमतें बढ़ने के भी आसार हैं.
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