RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सहकारी बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. RBI ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड पर ये कार्रवाई की है. दरअसल बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई का साधन नहीं होने की वजह से आरबीआई ने ये कदम उठाया है. आरबीआई ने बैंक को आदेश दिया है कि वह 4 दिसंबर, 2023 से सभी तरह के बिज़नस को बंद कर दे.
रिजर्व बैंक ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि शंकरराव पुजारी नूतन नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर 4 दिसंबर से बैंकिंग का बिज़नेस नहीं कर सकता है. इसके साथ ही बैंक पर पेमेंट या डिपॉज़िट रिसीव करने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. RBI ने कहा कि इस को-ऑपरेटिव बैंक के पास बैंकिंग सेवाएं देने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं थी.
इसके साथ ही बैंक भविष्य में कमाई के साधन को लेकर भी कोई ठोस योजना पेश नहीं कर पाया है. ऐसे में आरबीआई ने बैंक के लाइसेंस को कैंसिल करने का फैसला किया है.
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आरबीआई की तरफ से बैंक का लाइसेंस कैंसिल होने के बाद जमा ग्राहकों के जमा पैसों का क्या होगा? इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट, 1961 के प्रावधानों के मुताबिक, लिक्विडेशन के समय, डिपॉजिटर्स को DICGC की तरफ से 5 लाख रु. तक की जमा राशि पर डिपॉज़िट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट मिलता है. बता दें कि DICGC भारतीय रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, श्री लक्ष्मी कृपा शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, द कोणार्क शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड और द चेंबूर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर भी पेनल्टी लगाई है.
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