Penalty on loan accounts: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों/ लोन संस्थानों के लिए लोन अकाउंट्स पर पेनल्टी लगाने संबंधी नियमों में बदलाव किया है. आरबीआई ने कहा है कि बैंक और रेगुलेटेड एंटिटी अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए लोन अकाउंट्स पर पेनल्टी नहीं लगा सकते हैं.
आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि बैंकों को नियमों के उल्लंघन पर लगाई गई पेनल्टी को पीनल इंटरेस्ट कैटेगरी में न रखकर पीनल चार्ज कैटेगरी में रखना चाहिए. रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि पीनल चार्ज का कैपिटलाइज़ेशन नहीं होना चाहिए. इसका मतलब है कि इस तरह के चार्ज पर अतिरिक्त इंटरेस्ट का कैलकुलेशन न हो. इसका लोन अकाउंट में ब्याज की कंपाउडिंग की सामान्य प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा. आरबीआई को पता चला था कि कई बैंक लागू ब्याज दरों पर पीनल इंटरेस्ट भी लगा रहे हैं. पीनल इंटरेस्ट तब लगाया जाता है जब ग्राहक लोन पर डिफॉल्ट करता है या लोन की शर्तों का उल्लंघन करता है.
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आरबीआई ने कहा कि लोग अपने लोन का भुगतान समय पर करें, पीनल इंटरेस्ट का प्रावधान भी ज़रूरी है. लेकिन इसका इस्तेमाल बैंक अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नहीं कर सकते हैं.
बता दें कि सर्कुलर के मुताबिक, ये नई गाइडलाइंस अगले साल यानी 1 जनवरी 2024 से लागू होंगी. यह नियम कमर्शियल बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, और EXIM बैंक, NABARD, NHB, SIDBI और NaBFID जैसी ऑल इंडिया फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स पर लागू होगा.
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