RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने पॉलिसी रेपो रेट ( Policy Repo Rate ) को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत करने का फैसला लिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ( RBI Governor Shaktikanta Das ) ने यह जानकारी दी. दास ने कहा कि यूक्रेन और रूस की जंग से दुनिया भर में महंगाई बढ़ी है. हालांकि उन्होंने माना कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है.
शक्तिकांत दास ने कहा- हम मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहे हैं, महंगाई दर मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के पहले तीन क्वार्टर्स में 6 फीसदी से ऊपर बने रहने की आशंका है. शहरी मांग सुधर रही है. ग्रामीण मांग में भी धीरे-धीरे सुधार आ रहा है.
इससे पहले एक्सपर्ट्स ने नीतिगत दरों में 0.25 से 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई थी. विशेषज्ञों का कहना था कि मुद्रास्फीति लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई है, ऐसे में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ब्याज दरों में चौथाई से आधे फीसदी की एक और बढ़ोतरी कर सकती है.
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आरबीआई ने पिछले महीने भी अचानक रेपो रेट और सीआरआर में बढ़ोतरी कर सबको हैरान कर दिया था. रेपो रेट को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया था जबकि सीआरआर में भी 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी.
रेपो रेट वह दर है, जिसपर RBI, दूसरे बैंकों को लोन देता है. RBI की ओर से इसकी दर बढ़ने का सीधा मतलब है कि बैंकों मिलने वाले कर्ज की दर बढ़ जाएगी, जिसका सीधा असर ग्राहकों को मिलने वाले हर तरह के लोन पर होगा. इसका सीधा मतलब है कि ऑटो लोन, होम लोन सब महंगे हो जाएंगे.