देश का इकॉनमिक ग्रोथ रेट ( economic growth rate ) साल 2021-22 में 8% से ऊपर रह सकता है. कई एजेंसियों ने इसका अनुमान जताया है. एजेंसियों से उलट भारतीय रिजर्व बैंक - Reserve Bank of India (आरबीआई) का अनुमान कम है. जनवरी से मार्च की तिमाही में ग्रोथ रेट 3 फीसदी से ऊपर रहने की बात कही गई है. पहले इसके 7.8 फीसदी की बात कही गई थी.
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सरकार मंगलवार को जीडीपी के आंकड़े जारी करेगी. रूस-यूक्रेन जंग और कमोडिटी की कीमतें बढ़ने की वजह से जीडीपी के पहले के सभी अनुमान घटा दिए गए हैं.
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय का अनुमान 8.9 फीसदी
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय - National Statistical Office (एनएसओ) ने 2021-22 में जीडीपी की ग्रोथ रेट 8.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. यह अनुमान पहले 9.2 फीसदी था. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अप्रैल की अपनी नीतिगत बैठक में ने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. पहले का अनुमान 7.8 फीसदी का था.
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने 2021-22 में देश की विकास दर 8.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. पहले इन्होंने 9.3 फीसदी का अनुमान लगाया था. यानी अब इसमें 80 बीपीएस की कमी की गई है. सभी के अनुमान आरबीआई से ज्यादा हैं.
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