Unclaimed Deposits: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा के दौरान सेंट्रलाइज़्ड वेब पोर्टल शुरू करने की बात कही है. इस पोर्टल के ज़रिए 10 साल से अधिक पुरानी बिना क्लेम वाली जमा राशि (Unclaimed Deposits) का पता लगाया जा सकेगा.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वर्तमान में अगर बैंक ग्राहकों को इन डिपॉज़िट को क्लेम करना होता है तो उन्हें कई बैंकों की वेबसाइट पर जाना पड़ता है. अब, जमाकर्ता/ लाभार्थी इस पोर्टल के ज़रिए ऐसे बिना क्लेम वाले डिपॉज़िट के बारे में आसानी से पता कर पायेंगे.
फरवरी 2023 तक पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSB) की तरफ से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को लगभग ₹35,000 करोड़ की 10 साल से ज्यादा पुरानी बिना क्लेम की जमा राशि ट्रांसफर की गई थी.
बता दें कि सबसे ज्यादा बिना क्लेम वाले डिपॉज़िट भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में हैं जो कि ₹8,086 करोड़ रु. तक के हैं. इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ₹5,340 करोड़, केनरा बैंक में ₹4,558 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा में ₹3,904 करोड़ तक के अनक्लेम्ड डिपॉज़िट है.
आरबीआई के नियमों के मुताबिक, अगर कोई सेविंग्स या करेंट अकाउंट 10 सालों से ऑपरेट नहीं हो रहा है, यानि कि न तो पैसे जमा किए गए हैं और न ही निकाले गए हैं, तो उस अकाउंट में जितनी भी राशि है, उसे अनक्लेम्ड डिपॉज़िट (वह राशि जिस पर किसी का क्लेम नहीं है) मान लिया जाता है. इसके अलावा अगर आपकी एफडी की अवधि पूरी हो गई है, यानि कि मैच्योर हो गई है और 10 सालों तक उस पर कोई क्लेम नहीं किया जाता है तो उसे भी अनक्लेम्ड डिपॉज़िट की कैटेगरी में रखा जाता है. इस जमा राशि को RBI द्वारा बनाए गए 'डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड' (Depositor Education and Awareness Fund) में ट्रांसफर कर दिया जाता है.