Rice Export Ban: सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाया बैन, बढ़ती कीमतें रोकने के लिए उठाया ये कदम

Updated : Jul 21, 2023 12:47
|
Editorji News Desk

Non-basmati Rice Export Ban: सरकार ने नॉन-बासमती व्हाइट राइस (सफेद चावल) के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरन ट्रेड (DGFT) ने नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी. देश में चावल की बढ़ती कीमतों को रोकने और डोमेस्टिक सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.

हालांकि कुछ शर्तों के साथ चावल के निर्यात को अनुमति दी जाएगी. अगर नोटिफिकेशन से पहले भारतीय बंदरगाहों पर जहाजों में चावल की लोडिंग शुरू हो गई है और शिपिंग बिल फाइल हो गया है तो एक्सपोर्ट किया जा सकेगा. साथ ही उन मामलों में भी चावल के निर्यात की अनुमति होगी, जहां सरकार ने दूसरे देशों को इसकी इजाजत दे रखी है. सरकार ने इन देशों की फूड सिक्योरिटी संबंधी जरूरतों को देखते हुए ये अनुमति दी है. इसके अलावा उन मामलों में भी जहां नॉन-बासमती चावल की खेप नोटिफिकेशन से पहले ग्राहकों को सौंपी जा चुकी है और पहले से ही उनके सिस्टम में रजिस्टर्ड है. 

10 दिन में चावल की कीमत 20% बढ़ी

देश में पिछले कुछ महीनों से खाने-पीने की चीजों की कीमतें काफी तेजी से बढ़ी हैं. गेहूं, चावल, दूध और सब्जियों के साथ - साथ दालों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. देशभर में पिछले 10 दिन में ही चावल की कीमतें 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं.

देश के कुछ राज्यों में कम बारिश की वजह से चावल और दाल की बुवाई का रकबा कम हुआ है. 14 जुलाई तक, खरीफ फसलों की बुवाई इस साल 2 फीसदी कम हुई है. चावल का रकबा 6.1% और दलहन का 13.3 फीसदी है. इसकी वजह पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम बारिश की वजह से बुआई में देरी का होना है. बता दें कि इन तीनों राज्यों में दालों का 50 फीसदी उत्पादन होता है.

 

Rice Prices

Recommended For You

editorji | बिज़नेस

Petrol Diesel Rates on July 05, 2024: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें हुईं अपडेट, चेक करें

editorji | भारत

Mukesh Ambani और Sonia Gandhi में क्या हुई बातचीत? मुलाकात के पीछे थी ये बड़ी वजह

editorji | बिज़नेस

Share Market की उड़ान जारी, लगातार दूसरे दिन बना ये बड़ा रिकॉर्ड

editorji | बिज़नेस

'Koo' होगा बंद, कंपनी के को-फाउंडर्स ने दी जानकारी

editorji | बिज़नेस

India में गरीबी घटकर 8.5 प्रतिशत पर आईः NCAER Study