Rice Export: केंद्र सरकार ने पिछले महीने देश में चावल की कीमतों को काबू में रखने के लिए नॉन- बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया था. वहीं, पिछले सप्ताह ही सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर भी नई पाबंदी का ऐलान किया गया था. इसी बीच खबर आई है कि सरकार ने सिंगापुर को चावल निर्यात करने का फैसला किया है. दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों को देखते हुए सिंगापुर को ये स्पेशल ट्रीटमेंट देने का फैसला किया गया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सिंगापुर को चावल निर्यात करने की अनुमति देने वाला औपचारिक आदेश जल्द जारी किया जाएगा. सिंगापुर के साथ मजबूत संबंधों को देखते हुए भारत ने चावल निर्यात करने का फैसला किया है.
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प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरी रणनीतिक साझेदारी है और दोनों देशों के हित भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. साथ ही आर्थिक संबंध भी गहरे हैं. दोनों देशों के लोगों का आपसी जुड़ाव भी है. बागची के मुताबिक इसी खास संबंध को देखते हुए सिंगापुर को चावल निर्यात करने का फैसला लिया गया है.
बता दें कि घरेलू कीमतों को काबू रखने के लिए और डोमेस्टिक फूड सेफ्टी सुनिश्चित करने के लिए 20 जुलाई से नॉन-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया गया था. सरकार ने नोटिस किया कि चावल की कुछ किस्मों पर पाबंदी लगाने के बावज़ूद चालू वित्त वर्ष के दौरान चावल का निर्यात अधिक रहा है. इसी को देखते हुए 20 जुलाई को सरकार ने चावल के निर्यात संबंधी नॉर्म्स में बदलाव कर नॉन-बासमती सफेद चावल को ''बैन'' कैटेगरी में डाल दिया. इसके बाद सरकार ने इसी महीने उबले हुए चावल पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लागू की और इसके एक दिन बाद बासमती चावल के निर्यात पर भी बैन लगा दिया.
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