Rupees All Time Low: 22 सितंबर को रुपये में रिकॉर्ड 51 पैसे की गिरावट देखी गई. इस गिरावट के साथ रुपये ने लो लेवल का एक नया रिकॉर्ड बनाया. शुरुआती ट्रेड में ही रुपया 51 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.47 के ऑल टाइम लो पर पहुंच गया. लेकिन, बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच रुपये में अचानक इतनी गिरावट कैसे आ गई? इसकी मुख्य वजह क्या है और क्या आगे रुपये में और गिरावट देखने को मिल सकती है, आज हम यहां यही समझने की कोशिश करेंगे.
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दरअसल, अमेरिका की केंद्रीय बैंक फेडरल की ओर से महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार की गई बढ़ोतरी के बाद डॉलर इंडेक्स में अचानक मजबूती देखने को मिली. इसका दबाव भारतीय रुपये पर पड़ा, जिसके चलते घरेलू करेंसीज में बड़ी गिरावट देखने को मिली. इसी वजह से 22 सितंबर को रुपया 80.27 के लेवल पर खुला और शुरुआती दौर में ही 80.47 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड लो स्तर पर चला गया.
लेकिन, ऐसा नहीं है कि फेड के फैसले के बाद सिर्फ रुपये में ही गिरावट आई है, बल्कि अन्य दूसरी एशियाई करेंसीज में कमजोरी आई है. डॉलर के मुकाबले यूरो भी 20 साल के निचले स्तर पर हैं. वहीं, पाउंड 29 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया.
एक्सपर्ट्स की माने तो फेडरल रिजर्व के सख्त बयान के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये समेत सभी बड़ी करेंसीज में और गिरावट देखने को मिल सकती है. भारतीय रुपया 81 से 82 के स्तर पर पहुंच सकता है.
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