यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद, रूस को स्विफ्ट से बाहर कर दिया गया है. अमेरिका यूरोपीय देशों ने रूस के बैंकों को स्विफ्ट पेमेंट सिस्टम से ब्लॉक कर दिया है.
इससे रूस को बड़ा झटका लगा है. हालांकि इससे अमेरिका यूरोपीय देशों को भी नुकसान होगा. क्योंकि इन देशों की बड़ी कंपनियां अपना सामान रूस में निर्यात करती हैं. इससे इन कंपनियों का भुगतान भी रुक जाएगा.
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इसके अलावा रूस के स्विफ्ट से बाहर होने से भारत की मुश्किलें भी बढ़ी हैं. अब दोनों देशों को दूसरे विकल्पों पर गौर करना होगा. भारत रूस के बीच अब अपने स्थानीय करेंसी रुपये और रूबल में ट्रेड किया जा सकता है. रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत लोकल करेंसी के जरिए रूस को ज्यादा आयात कर सकता है.
स्विफ्ट एक वैश्विक पेमेंट सिस्टम है. इसका पूरा नाम द सोसायटी फॉर वर्ल्ड वाइड इंटरबैंक फाइनैंशल टेलिकम्युनिकेशन है. यह दुनिया के बैंकों को आपस में जोड़ता है. 200 देश और 11 हजार वित्तीय संस्थान इससे जुड़े हैं. पूरी दुनिया में बिजनेस का लेनदेन स्विफ्ट सिस्टम से किया जाता है.
स्विफ्ट के जरिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विदेशी निवेश और प्रवासियों की ओर से देश में भेजी जाने वाली रकम जैसे कार्य मैनेज होते हैं. किसी देश के स्विफ्ट से अलग होने पर वह दुनिया के फाइनैंशियल सिस्टम में अलग थलग पड़ जाएगा.