Sahara Refund: सहारा समूह के फाउंडर सुब्रत रॉय (Subrata Roy) के निधन के बाद सरकार को हजारों करोड़ रुपये का फायदा हो सकता है. सरकार सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट के अनक्लेम्ड फंड को कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया (Consolidated Fund of India) में ट्रांसफर करने पर विचार कर रही है. इसमें बाद में दावा करने वाले निवेशकों को रिफंड का प्रावधान होगा.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार फंड ट्रांसफर करने के कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है. सहारा समूह में पैसे लगाने वाले निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए सहारा सेबी रिफंड अकाउंट स्थापित किया गया था. इस अकाउंट के बनाए हुए 11 साल हो चुके हैं जिस दौरान मुश्किल से ही कोई दावेदार सामने आया है. एक ऑफिसर के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी कारण फंड का इस्तेमाल पब्लिक वेलफेयर के लिए भी किया जा सकता है. उसके बाद निवेशकों को पैसा लौटाने के लिए अलग व्यवस्था की जा सकती है.
बीते दिनों सहारा की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए एक खास पोर्टल 'सहारा रिफंड पोर्टल' भी लॉन्च किया गया था. इसके तहत 5 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए.
गौरतलब है कि अभी तक सहारा समूह के 17,526 आवेदकों को 138 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. इसमें कुल 48,326 अकाउंट्स शामिल हैं. वहीं 31 मार्च 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार, सहारा समूह और अलग-अलग सरकारी बैंकों में खोले गए खातों से की गई रिकवरी का आंकड़ा 25,163 करोड़ रुपये है.
बता दें कि सुब्रत रॉय पर उनकी दो कंपनियों, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड में नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप लगा था. इस मामले में वो दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे. 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था. तब से लेकर आज तक यह केस चल रहा है.
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