India's June Services PMI: भारत में जून महीने में सर्विस सेक्टर का पीएमआई घटकर 58.5 पर आ गया जो कि मई में 61.2 था. इस बात की जानकारी S&P ग्लोबल पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) की तरफ से जारी आंकड़ों से मिली है. यह डेटा बुधवार यानी 5 जुलाई को जारी किया गया है.
बता दें कि भारत की सर्विसेज पीएमआई लगातार 23 महीने 50 से अधिक रही है. गौरतलब है कि पीएमआई आंकड़ों मे 50 को आधार माना जाता है. सर्विसेज पीएमआई का 50 के स्तर से अधिक होना सर्विस सेक्टर में होने वाली गतिविधियों में विस्तार का संकेत देता है. वहीं, अगर यह स्तर 50 से कम रहता है तो इसका मतलब है कि सर्विस सेक्टर में गतिविधियां कम हो रही हैं. ऐसे में अगर मई में पीएमआई के आंकड़ों में ये गिरावट आई भी है तो भी इससे सर्विस सेक्टर में मजबूती का संकेत मिलता है.
भारत के जीडीपी में सर्विस सेक्टर की हिस्सेदारी 50 फीसदी है. मई में जारी ऑफिशियल डेटा के मुताबिक, जनवरी से मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़कर 6.1 फीसदी हो गई. इस वजह से वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी की सालाना ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रही.
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलिएना डी लीमा (Pollyanna De Lima) ने कहा, जून महीने में भारतीय सर्विस सेक्टर में डिमांड में तेजी जारी रही. मॉनिटर किए जा रहे सब-सेक्टर्स में नए कारोबार और नए ऑर्डर की मात्रा में तेजी देखने को मिली है. ग्रोथ की रफ्तार बढ़ने से व्यावसायिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी हुई है और इससे रोजगार के आंकड़ों में भी सुधार हुआ है.
इससे पहले सोमवार को मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का डेटा आया था. मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई भी जून में घटकर 57.8 के स्तर पर आ गई है जो कि मई में 58.7 थी.
पीएमआई यानी कि पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स से देश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है. इससे मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में होने वाले बदलाव का पता चलता है. ये पीएमआई 5 कारकों पर आधारित होती है जिनमें नए ऑर्डर, इन्वेंटरी स्तर, प्रोडक्शन, सप्लायर्स डिलीवरी और रोजगार शामिल हैं.