Silver Economy : 2050 में सिल्वर इकोनॉमी बनेगा भारत, एक रिपोर्ट में खुलासा

Updated : Apr 19, 2024 14:34
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Editorji News Desk

India Silver Economy: भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन गया है. इसके साथ ही देश में बुजुर्गों की जनसंख्या तेजी के साथ बढ़ रही है. 2050 तक भारत में वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या  34 करोड़ के आसपास हो जाएगी. 2050 में ये आबादी दुनिया के बुजुर्गों के कुल आबादी का 17 फीसदी होगी. वरिष्ठ नागरिकों की इस बढ़ती आबादी को ध्यान में रखकर भारत सबसे तेज गति से सिल्वर इकोनॉमी (Silver Economy) बनकर उभरेगा. सिल्वर इकोनॉमी उस अर्थव्यवस्था को कहा जाता है जिसमें इकोनॉमिक एक्टिविटी, प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया जाता है. भविष्य में बुजुर्गों के रहने से लेकर उनकी देखभाल से जुड़े सेगमेंट का ग्रोथ इस सिल्वर इकोनॉमी को बढ़ावा देता है.

2050 में सिल्वर इकॉनमी बनने कारण 

रियल एस्टेट कंसलटेंट फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड (CBRE South Asia Pvt. Ltd) ने रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत में बढ़ते सिल्वर इकोनॉमी के सुनहरे अवसर - सीनियर केयर का भारत में भविष्य और भारत का सिल्वर इकॉनमी के ग्रोथ पर रिसर्च किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में बुजुर्गों की जनसंख्या तेजी के साथ बढ़ रही है, भारत में इनकी आबादी 2050 तक पूरी दुनिया की 17 फीसदी बुजुर्गों की आबादी भारत में होगी. जनसंख्या के अनुकूल होने, पुरानी स्थितियां और जागरूकता के बढ़ने की वजह से सीनियर सिटीजंस की जनसंख्या के लिए विशेष देखभाल और लाइफस्टाइल ऑप्शंस की बढ़ती मांग देखने को मिलेगी. जिसके चलते आने वाले वर्षों में सीनियर सिटीजंस के लिए खास  सुविधाओं की डिमांड में बढ़ोतरी देखी जा रही है. 

टीयर -1 और टीयर - 2 शहरों में मौजूद है सीनियर सिटीजंस केयर कंपनियां 

सीनियर सिटीजंस के देखभाल से जुड़ी कंपनियों दक्षिण भारत के चेन्नई, कोयंबटूर, और बैंगलुरु जैसे टीयर -1 और टीयर - 2 शहरों में मौजूद है. भविष्य में बुजुर्गों के देखभाल से जुड़े केयर यूनिट्स से जुड़े बड़े खिलाड़ी चेन्नई, बैंगलुरु, हैदराबाद, कोयंबटूर, पुणे, और एनसीआर में विस्तार करने जा रहे हैं। इसके अलावा, नार्थ जोन में हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश की सीनियर लिविंग और केयर यूनिट्स में हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी तक बढ़ी है.  रिपोर्ट केअनुसार, 2024 में 10 लाख सीनियर सिटीजंस को इन सुविधाओं के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. अगले 10 वर्षों में 25 लाख लोगों को टारगेट किया गया है. मौजूदा समय में देश में 15 करोड़ बुजुर्गों की आबादी है, जो अगले 10 से 12 वर्षों में बढ़कर 23 करोड़ के करीब हो जाएगी.

 

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