Monsoon Forecast: इस साल भारत में मॉनसून कैसा रहेगा, इसे लेकर मौसम संबंधी रिपोर्ट देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट (Skymet) ने अनुमान जारी किया है. स्काईमेट के मुताबिक, इस साल बारिश सामान्य से कम रह सकती है. सामान्य बारिश होने की संभावना केवल 25 फीसदी है. स्काईमेट ने बताया कि लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) का 94 फीसदी बारिश हो सकती है.
बता दें कि अगर LPA की 96%-104% बारिश होती है तो इसे सामान्य बारिश की कैटेगरी में रखा जाता है. वहीं, यदि बारिश LPA के 104% से 110% के बीच होती है तो यह सामान्य से अधिक बारिश की कैटेगरी में आती है. 110% से अधिक बारिश को एक्सेस यानि ज्यादा बारिश और 90%-96% के बीच होने वाली बारिश सामान्य से कम और इसी तरह 90% से कम बारिश होने को सूखा पड़ना कहते हैं.
Skymet के मुताबिक, इस बार अल नीनो की वज़ह से मानसून कमज़ोर रहेगा और देश को सूखे का सामना करना पड़ सकता है. अल नीनो की वजह से सूखा पड़ने की 20 फीसदी संभावना है. इसके साथ ही स्काईमेट का अनुमान है कि देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में कम बारिश हो सकती है. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के दौरान कम बारिश होने के आसार हैं. वहीं, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन के दूसरे भाग में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. बता दें कि भारत में ज्यादातर किसान चावल, मक्का, कपास, सोयाबीन और गन्ने जैसी फसलों के लिए जून-सिंतबर में होने वाली बारिश पर निर्भर करते हैं. इसलिए बारिश कम होने से इन किसानों को काफी नुकसान हो सकता है और देश में फूड प्रोडक्शन में कमी आ सकती है.
बता दें कि अल नीनो की वजह से समुद्र की सतह का तापमान अधिक होता है. इसके असर से कम बारिश वाली जगहों पर अधिक बरसात होती है. अगर अल नीनो दक्षिण अमेरिका की तरफ सक्रिय होता है तो भारत में बारिश होती है.