SpiceJet: कैश की कमी से जूझ रही स्पाइसजेट एयरलाइंस (SpiceJet) से सफर करने वाले यात्री समय से अपने गन्तव्य स्थान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. स्पाइसजेट देश की सबसे लेटलतीफ कंपनी बन गई है. DGCA यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के मुताबिक, मई में देश के चार प्रमुख एयरपोर्ट- मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू और हैदराबाद से स्पाइसजेट की केवल 61 फीसदी फ्लाइट्स ही समय पर रवाना हुईं.
वहीं, अप्रैल में एयरलाइंस की 70 फीसदी फ्लाइट्स ही ऑन टाइम रही थीं. मई और जून एविएशन सेक्टर (Aviation Sector) का पीक सीजन होता है क्योंकि इस सीजन में स्कूल की छुट्टियां होने से लोग अधिक ट्रैवल करते हैं. मई में कुछ रूट पर सामान्य दिनों की तुलना में फ्लाइट की मांग इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि इनसॉल्वेंट गो फर्स्ट एयरलाइन ने टिकट बेचना बंद कर दिया था.
मनीकंट्रोल के अनुसार, डीजीसीए ने देश के चार बड़े एयरपोर्ट- दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और हैदराबाद के डेटा के आधार पर यह लिस्ट बनाई है. स्पाइसजेट हर दिन लगभग 250 फ्लाइट ऑपरेट करती है. बता दें कि मई में एयर इंडिया की परफॉर्मेंस भी पंक्चुअलिटी के लिहाज से खराब रही है. वह पंक्चुअलिटी में अप्रैल में दूसरे स्थान पर थी और मई में पांचवें स्थान पर पहुंच गई.
अकासा एयर जिसे शुरू हुए एक साल से भी कम हुआ है, वह पंक्चुअलिटी के मामले में पहले स्थान पर है. एयरलाइंस की 92.6 फ्लाइट्स ने अपने निर्धारित समय पर ही उड़ान भरी. दूसरे नंबर पर इंडिगो है. इंडिगो की 90.3 फीसदी उड़ानें ऑन टाइम रही. विस्तारा इस मामले में तीसरे स्थान पर है जिसकी 89.5 फीसदी और चौथे स्थान पर आने वाली एयर एशिया की 84.8 फीसदी फ्लाइट ऑन टाइम थीं. वहीं, पांचवें स्थान पर रही एयर इंडिया के 82.5 फीसदी विमान ऑन टाइम रहे.
मई में अप्रैल की तुलना में डोमेस्टिक पैसेंजर ट्रैफिक (Domestic Passanger Traffic) में 15 फीसदी का इजाफा हुआ. इस दौरान कुल 13.2 लाख लोगों ने फ्लाइट से ट्रैवल किया. कोरोना महामारी के बाद से एयरलाइंस कर्मचारियों और विमानों की कमी से जूझ रही हैं. नई दिल्ली स्थित स्टारएयर कंसल्टिंग (Starair Consulting) के चेयरमैन हर्षवर्धन ने कहा कि यात्रियों की संख्या बढ़ने से सर्विसेज का विस्तार करने के लिए एयरलाइंस पर दबाव और बढ़ गया है.