Startup Angel Tax: भारत में फंडिंग की कमी से जूझ रहे स्टार्टअप्स को अच्छी खबर मिली है. केंद्र सरकार ने अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत 21 देशों से आने वाले निवेश पर एंजल टैक्स न लगाने का फैसला किया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नोटिफिकेशन जारी कर ये जानकारी दी. यह छूट उन स्टार्टअप कंपनियों में निवेश पर दी जाएगी जो अभी शेयर बाजार में लिस्ट नहीं हुई हैं. बता दें कि नॉन- रेजिडेंट निवेश पर ये एंजल टैक्स लागू नहीं होगा.
CBDT के मुताबिक, जिन निवेशकों को एंजल टैक्स का भुगतान नहीं करना है, उनमें सेबी में कैटेगरी-1 एफपीआई (Category-I FPI), एंडोमेंट फंड (Endowment Funds), पेंशन फंड (Pension Funds) और ब्रॉड बेस्ड पूल्ड इन्वेस्टमेंट व्हीकल्स (Broad-based pooled investment vehicles) के रूप में रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स शामिल हैं. इस छूट के तहत अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्पेन, ऑस्ट्रिया, कनाडा, चेक रिपब्लिक, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, इजरायल, इटली, आइसलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस, नॉर्वे, न्यूजीलैंड और स्वीडन शामिल हैं. वहीं, सिंगापुर, मॉरीशस और नीदरलैंड जैसे देशों से आने वाले निवेश पर ये छूट नहीं दी गई है. जबकि इन्हीं देशों से भारत में 50 फीसदी से ज्यादा एफडीआई आता है.
एंजेल टैक्स स्टार्टअप पर लागू किया जाता है. एंजेल निवेशक वो व्यक्ति होते हैं जिनकी नेट वर्थ अधिक होती है. ये निवेशक अपनी इनकम को बिज़नेस, स्टार्ट-अप या स्मॉल और मीडियम लेवल की कंपनियों में निवेश करते हैं और इस इनकम पर जो टैक्स लगता है, वह एंजेल टैक्स कहलाता है. बता दें कि यह एंजेल टैक्स उन कंपनियों पर लागू होता है जो लिस्टेड नहीं हैं और फेयर मार्केट वैल्यूएशन से अधिक वैल्यू पर शेयर जारी करती हैं.