Indian startup layoffs: दुनियाभर में मंदी की आशंका के चलते कई कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं. इससे भारतीय स्टार्टअप भी अछूते नहीं है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले डेढ़ साल में स्टार्टअप कंपनियों में अब तक 25,000 से ज्यादा लोगों की छंटनी हो चुकी है.
बता दें कि स्टार्टअप कंपनियों को लंबे समय से फंडिंग की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से स्टार्टअप कंपनियां मार्केट में बने रहने के लिए 2022 की शुरुआत से ही कॉस्ट कटिंग (Cost Cutting) के लिए कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं.
मनीकंट्रोल के लेऑफ़ ट्रैकर के मुताबिक, 2022 से अब तक, लगभग 94 स्टार्टअप्स ने खर्चों को कम करने और प्रॉफिट कमाने के लिए करीब 25,805 कर्मचारियों की छंटनी की है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2022 की तुलना में इस साल बहुत बड़े पैमाने पर छंटनी होगी. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कई स्टार्टअप साइलेंट लेऑफ कर रहे हैं और जॉब से निकाले गए कर्मचारियों की संख्या अधिक हो सकती है.
मुंबई स्थित एक वीसी फंड 'इंडिया कोशेंट' (India Quotient) के फाउंडिंग पार्टनर आनंद लुनिया ने मनीकंट्रोल को बताया, “अगर 2022 एक बुरा साल था, तो यह और भी बुरा होने वाला है. हमने देखा है कि फंडिंग में गिरावट आई है और मुझे उम्मीद है कि आगे इसमें और भी कमी आएगी. ”
2023 में अब तक करीब 46 स्टार्टअप्स ने करीब 7,500 कर्मचारियों को जॉब से निकाला है. यह पिछले साल के आंकड़ों से 20 फीसदी कम है. इसी अवधि के दौरान 2022 में लगभग 9,000 कर्मचारियों की छंटनी की गई थी. वहीं, पिछले साल केवल 50 स्टार्टअप्स ने कर्मचारियों की छंटनी की थी, 2023 में यह संख्या पहले ही 46 तक पहुंच चुकी है.
करियरनेट और लॉन्गहाउस कंसल्टिंग (Careernet and LONGHOUSE Consulting) के सीईओ और सह-संस्थापक अंशुमान दास ने कहा, "अभी फंडिंग के आने के कोई संकेत नहीं है तो, साल के अंत तक यह नंबर करीब 40-50,000 तक जा सकता है."