No TCS on Credit Card: अगर आप भारत से बाहर छुट्टियां मनाने का प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए राहत की खबर है. सरकार ने टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (Tax Collection at Source) यानी TCS की नई रेट को लागू करने की डेडलाइन को बढ़ाने का फैसला किया है. पहले ये नियम 1 जुलाई 2023 से लागू होने वाला था, लेकिन अब ये 1 अक्टूबर 2023 से लागू होगा. इसका मतलब है कि एलआरएस यानी लिबरलाइज़्ड रेमिटेंस स्कीम (Liberalised Remittance Scheme) के तहत विदेश में 7 लाख रु. तक खर्च करने पर टीसीएस नहीं देना होगा. वहीं, 7 लाख रु. से ज्यादा खर्च करने पर आपको 5 फीसदी टीसीएस का भुगतान करना होगा. लेकिन फॉरन टूर पैकेज (Foreign Tour Package) के तहत 7 लाख रु. से कम खर्च करने पर भी आपको 5 फीसदी टीसीएस देना पड़ेगा. बता दें कि 1 अक्टूबर से नए नियमों के तहत ये टीसीएस रेट बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगा.
बता दें कि विदेश में 7 लाख रु. से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर टीसीएस का रेट 5 फीसदी है. 1 अक्टूबर से यह बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगा.
वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, "सेक्शन 206सी के सब-सेक्शन (1जी) के क्लॉज (i) में एलआरएस भुगतान की सभी कैटेगरी में प्रति व्यक्ति प्रति वित्त वर्ष 7 लाख रुपये की सीमा बहाल की जाएगी. एलआरएस के तहत पहले 7 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन पर कोई टीसीएस लागू नहीं होगा."
बता दें कि इसी साल मई महीने में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि विदेश में इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड से किए गए पेमेंट को एलआरएस के तहत कवर किया जाएगा. इस स्कीम के तहत कोई भी भारतीय निवासी विदेश में सालाना अधिकतम 2.50 लाख डॉलर ही खर्च कर सकता है. इससे ज्यादा खर्च करने के लिए उसे आरबीआई से मंज़ूरी लेनी पड़ेगी.
केंद्र सरकार ने फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत संशोधित नियमों को नोटिफाई करते हुए कहा था कि भारत से बाहर क्रेडिट कार्ड के ज़रिए किए गए खर्च को भी एलआरएस (Liberalised Remittance Scheme) के अंतर्गत शामिल किया जा रहा है. इसके लिए एक्ट से धारा 7 को हटाया गया है.
अब ये नई टैक्स रेट एक अक्टूबर 2023 से लागू होंगी. पढ़ाई और मेडिकल खर्च को छोड़कर एलआरएस के तहत विदेश में ट्रैवल करने या फिर दूसरे खर्च पर ये नियम लागू होगा.