Tomato Price: कुछ हफ्ते पहले तक जो टमाटर 300 रु. प्रति किलो के भाव से बिक रहे थे, अब वह 30 से 40 रु. प्रति किलो की दर पर मिल रहे हैं. आज टमाटर को कोई खरीदार नहीं मिल रहा है जिस वजह से किसानों को अपनी फसल बहुत सस्ते दामों पर बेचनी पड़ रही है. आज 2 रुपये प्रति किलो की होलसेल रेट पर भी टमाटर खरीदने को कोई तैयार नहीं है.
थोक मार्केट में टमाटर के रेट कम होने से किसान टमाटर की फसल उगाने में आई लागत को भी निकाल नहीं पा रहे हैं. महाराष्ट्र के लातूर में तो किसानों को अपनी टमाटर की फसल को सिर्फ 80 पैसे प्रति किलो में बेचना पड़ रहा है. दरअसल किसानों ने 2 से 3 हेक्टेयर में टमाटर की खेती की थी जिससे कि उन्हें टमाटर के बढ़ते दामों का लाभ मिल सके. टमाटर की खेती में 2 से 3 लाख रुपए का खर्च आया था लेकिन अब हालत ये है कि लागत भाड़ा और मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है. इसलिए किसान मंडी ना जाने वाले टमाटर को फेंक रहे हैं और वहीं, व्यापारी भी मार्केट में बहुत कम आ रहे हैं.
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किसानों की सरकार से मांग है कि सरकार टमाटर का निर्यात बढ़ाए. गौरतलब है कि भारत टमाटर का निर्यात नेपाल, कतर, सऊदी अरब, ओमान, बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समेत कई देशों में किया जाता है. अगर निर्यात बढ़ाया जाता है तो किसानों को टमाटर के सही दाम मिल सकते हैं.
1. फिलहाल देश में बाढ़ की स्थिति न होने से फसलों को नुकसान नहीं हो रहा
2. टमाटर की नई आवक आने से भी दामों में कमी आई है
3. सरकार ने नेपाल से टमाटर का आयात किया है. इससे भी दाम कम हुए हैं.
बता दें कि देशभर में जून में हुई भारी बारिश की वजह से टमाटर की आवक कम होने से टमाटर की कीमत देश के अधिकांश हिस्सों में 250 से 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी.
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