Mutual fund industry body, AMFI (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया) ने इंडस्ट्री की विशलिस्ट जारी की है. बॉडी ने बजट 2023 को लेकर अपनी उम्मीदें जाहिर की हैं...
1) MF और ULIP के लिए एक ही टैक्स: मौजूदा वक्त में इक्विटी म्यूचुअल फंड पर 10% कैपिटल गेन टैक्स अप्लाई होता है जबकि ULIP कुछ शर्तों के साथ टैक्स फ्री है (अगर सम एश्योर्ड 10 बार की प्रीमियम राशि से ज्यादा हो, 5 साल का लॉक-इन हो, या प्रीमियम 2.5 लाख से कम हो)
2) लिस्टेड बॉन्ड में एक जैसा टैक्स: वर्तमान में लिस्टेड डिबेंचर से हुए मुनाफे पर 10% टैक्स (अगर 12 महीने से ज्यादा रखा जाता है) लगाया जाता है, लेकिन डेब्ट म्यूचुअल फंड अगर 36 महीने से ज्यादा वक्त तक के लिए रखा गया है, तो इसपर 20% टैक्स लगाया जाता है.
3) स्कीम मर्जर पर स्पष्टता: म्यूचुअल फंड की अलग अलग स्कीम को कंसोलिडेशन ऑफ ऑप्शंस के तहत एक स्कीम में लाने पर भी अलग अलग टैक्स नियम हैं.
4) TDS के लिए थ्रेशहोल्ड सीमा में बढ़ोतरी: डिविडेंड पेआउट मामले में, सोर्स पर टैक्स कटौती का मौजूदा थ्रेसहोल्ड 5000 रुपये है. AMFI इस सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये करना चाहता है.
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