Veg thali cost in July: भारत में जुलाई में वेजिटेरियन थाली की कीमत जून की तुलना में 34 फीसदी बढ़ी है. वहीं, नॉन- वेज थाली 13 फीसदी तक महंगी हुई है. ग्लोबल एनालिटिक्स कंपनी CRISIL की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में टमाटर के बढ़ते दामों की वजह से वेज थाली की कीमत तीन बार बढ़ी है.
वेज थाली के 25 फीसदी दाम बढ़ने की पीछे की वजह टमाटर का महंगे होना है. जून में टमाटर का दाम 33 रु. प्रति किलो था जो जुलाई में 233 फीसदी बढ़कर 110 रु. प्रति किलो हो गया है. साथ ही प्याज और आलू की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. प्याज के दाम 16 फीसदी और आलू के दाम 9 फीसदी बढ़े हैं.
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मसालों में मिर्च 69% और जीरा 16% महंगा हुआ है. क्रिसिल के मुताबिक, थाली में मिर्च - जीरे का इस्तेमाल अन्य वेजिटेबल क्रॉप्स की तुलना में कम होता है इसलिए थाली के महंगे होने के पीछे इनका योगदान कम है.
क्योंकि नॉन वेज थाली मे ब्रॉयलर 50 फीसदी से ज्यादा थाली का हिस्सा है और ब्रॉयलर की कीमतें जुलाई में 3-5 फीसदी कम हुईं. इसी वजह से नॉन- वेज थाली की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई.
वेजिटेबल ऑयल के दाम दो फीसदी तक कम होने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है.
बता दें कि क्रिसिल उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिमी भारत में जारी इनपुट प्राइस के आधार पर घर पर थाली तैयार करने की एवरेज कीमत को कैलकुलेट करता है. अगर महीने में इस कीमत में कोई बदलाव आता है तो आम आदमी के खर्चे पर असर पड़ना शुरू हो जाता है. डेटा से ये भी पता चलता है कि अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल, रसोई गैस समेत अन्य सामग्रियों से भी थाली की कीमत में बदलाव होता है.
वेज थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर व आलू), चावल, दाल, दही और सलाद भी शामिल रहता है. वहीं, नॉन- वेज थाली में दाल की जगह चिकन को शामिल किया जाता है.
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