Amitabh Bachchan: बड़े पर्दे पर एंग्री यंग मैन के दमदार डायलॉग हों या छोटे पर्दे पर 'कौन बनेगा करोड़पति' की होस्टिंग अमिताभ बच्चन अपनी बेहतरी आवाज को लेकर इंडस्ट्री में एक अलग दम रखते हैं. उनकी दमदार आवाज और शानदार एक्टिंग ने ही अमिताभ बच्चन को शौहरत की बुलंदियों तक पहुंचाया. लेकिन क्या आप जानते हैं जिस अवाज के दशकों से लोग दीवाने हैं कभी उसे रिजेक्ट कर दिया गया था? वो भी एक दो बार नहीं बल्कि कई बार
अमिताभ ने फिल्मों में किस्मत आजमाने से पहले रेडियो में अपना फ्यूचर बनाने का सोचो और इसकी चाह लिए 'आल इंडिया रेडियो' के स्टेशन जा पहुंचे. लेकिन आज के वक्त में पूरी दुनिया में मशहूर अमिताभ बच्चन की आवाज को रिजेक्ट कर दिया गया. उन्होंने पहले रेडियो के अंग्रेजी प्रोग्राम के लिए टेस्ट दिया, जिसमें उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया. फिर बाद में हिंदी टेस्ट में भी उनके साथ यही हुआ.
साठ के दशक में जब अमीन सयानी रेडियो पर 'बिनाका गीत माला' नाम का शो करते थे तब अमिताभ कई बार स्टूडियो गए लेकिन सयानी ने अमिताभ से मिलने का भी समय नहीं निकाला. एक इंटरव्यू के दौरान अमीन सयानी ने बताया था, 60 के दशक में मैं एक हफ्ते में 20 शोज किया करता था. मेरे पास बिल्कुल समय नहीं हुआ करता था. एक दिन एक लड़का, जो आ सदी का महानायक है, ऑल इंडिया रेडियो के मुंबई स्टूडियो में बिना अपॉइंटमेंट ही ऑडिशन देने पहुंच गया. मैंने उनकी आवाज सुने बिना ही उसे रिजेक्ट कर दिया.
रिजेक्शन के बाद अमिताभ ने हार नहीं मानी और मंजिल की तरफ बढ़ गए. हालांकि ये बात शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि बाद में अमिताभ बच्चन ने सिने जगत में अपने करियर की शुरुआत वॉयस ओवर आर्टिस्ट के तौर पर की थी. अमिताभ बच्चन ने साल 1969 में नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म भुवन शोम के लिए अपनी आवाज दी थी.
अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत उन्होंने फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से की थी. फिल्मकार ख्वाजा अहमद अब्बास फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' की कास्टिंग कर रहे थे. उस समय उन्हें इस फिल्म के छह फुट लंबे, दुबले-पलते कलाकार की जरूरत थी. फिल्म से इस कमी को अमिताभ बच्चन ने पूरा किया. फिल्म सात हिन्दुस्तानी में काम के लिए अमिताभ बच्चन को पांच हजार रुपये मिले थे.
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