दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) अपने हाल ही में दिए बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. आशा पारेख हमेशा से भारतीय महिलाओं के फैशन में वेस्टर्नाइजेशन का विरोध करती दिखीं.
गोवा में हुए 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए एक्ट्रेस ने कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने इस मुद्दे पर भी बात की...कि फिल्में कैसे बदल गई हैं और जिससे फैशन में बदलाव आया है.
इंटरव्यू के दौरान आशा ने कहा, 'सब कुछ बदल गया है. जो फिल्में आज बनाई जा रही हैं. मुझे नहीं पता, हम इतने वेस्टर्नाइज्ड क्यों होते जा रहे हैं.' एक्ट्रेस ने आगे कहा कि, 'गाउन पहन कर वेडिंग पे आ रही हैं लड़कियां. अरे भैया, हमारी घाघरा चोली, साड़ियां और सलवार-सूट हैं, आप वो पहनो ना.'
इसके अलावा उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, 'स्क्रीन पे देखकर एक्ट्रेस जो कपड़े पहने रहेंगी, उस तरह के कपड़े हम भी पहनेंगे...मोटे हो, या जो भी हो, हम वहीं पहनेंगे. ये सब वेस्टर्न हो रहा है. यह देखकर मुझे दुख होता है.'
हिंदी सिनेमा जगत में आशा पारेख सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं. 90 के दशक में ही एक्ट्रेस ने एक्टिंग से संन्यास ले लिया था. आशा को अंतिम बार 1996 में आई फिल्म 'मुट्ठी भर जमीन' में देखा गया था. एक्ट्रेस फिलहाल कारा भवन डांस एकेडमी चलाने में बिजी हैं.
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