रोहित रॉय (Rohit Bose Roy) ने हाल ही में इंडस्ट्री में लगातार चल रही नेपोटिज्म की बहस को लेकर एक इंस्टाग्राम स्टोरी डाली और इसे बेकार बताया. इस बारें में बात करते हुए रोहित ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि ये कोई खास घटना नहीं है जिसने मेरी पोस्ट को ट्रिगर किया. रोहित का कहना है कि नेपोटिस्म में कुछ गलत नहीं है. इसलिए यह सिर्फ एक बेकार तर्क और समय की बर्बादी है.
एक्टर का कहना है कि कल किसी बिजनेसमैन का बेटा अपने पिता का बिजनेस संभालना चाहता है तो क्या उसका वेलकम नहीं किया जाएगा, क्या बिजनेसमैन पड़ोसी के बेटे को ढूंढेगा ताकि वह उसका बिजनेस संभाल सके?.' रोहित ने कहा कि किसी भी इंडस्ट्री के लिए यह हमेशा से आसान होता है. रोहित ने कहा कि नेपोटिज्म पर ध्यान व्यक्तियों की कड़ी मेहनत को स्वीकार करने से रोकता है, चाहे उनका वंश कुछ भी हो. जब लोग नेपोटिज्म के बारे में बात करते हैं, तो वे उस कड़ी मेहनत से वंचित हो जाते हैं जो एक लड़का/लड़की कर रहे हैं, केवल इसलिए कि वे एक एक्टर, निर्देशक आदि के बेटे या बेटी हैं. यह वास्तव में परेशान करने वाला है.'
रॉय इस बात पर भी जोर देते हैं कि नेपोटिज्म उनकी राय में, स्वाभाविक रूप से नेगेटिव नहीं है और उन्होंने चल रही बहस में समाधान की कमी की आलोचना की. उन्होंने दावा किया कि नेपोटिज्म की बहस बेकार है क्योंकि इसका कोई सिर पैर नहीं है. रोहित ने कहा, 'आप क्या बहस कर रहे हैं? ये चर्चाएं केवल वही लोग सामने रखते हैं जो असंतुष्ट हैं. नेपोटिज्म का मतलब कभी भी नेगेटिव शब्द नहीं था. अगर बहस से कभी कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा, तो क्या यह बेकार नहीं है?.'
रोहित को कुसुम, स्वाभिमान, कित्ती पार्टी जैसे टीवी शो के लिए जाना जाता है. इसके अलावा रोहित को 'शूट एट लोखंडवाला', 'काबिल' और 'फोरेंसिक' जैसी फिल्मों में देखा गया है.
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