FTII के पूर्व चेयरपर्सन गजेंद्र चौहान ने पायल कपाड़िया को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पायल की फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' ने इस बार कान में ग्रैंड प्रिक्स अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया है. दरअसल, पायल FTII की स्टूडेंट भी रह चुकी है और जब इंस्टीट्यूट के चेयरपर्सन ते तौर पर गजेंद्र चौहान की अपॉइंटमेंट होनी थी, तो पायल ने इसका विरोध किया था.
इसे याद करते हुए टाइम्स नाउ से गजेंद्र चौहान ने कहा कि, 'मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि हम सभी को उन पर गर्व है और मैं उन्हें इस जीत के लिए बधाई देता हूं.' जब उनसे अपॉइंटमेंट पर आपत्ति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये मामला अभी कोर्ट में है. पायल के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, 'टैलेंटेड और डिसिप्लिन्ड होने में काफी अंतर है. टैलेंटेड ठीक है लेकिन डिसिप्लिन बहुत जरूरी है.'
हालांकि, उन्होंने इतना जरुर दावा किया कि विरोध उनके खिलाफ नहीं था, बल्कि निदेशक और प्रशासन के खिलाफ था. आगे उन्होंने कहा कि, कुछ लोग कहते हैं कि गजेंद्र चौहान ने इस्तीफा दिया, मुझे कभी बर्खास्त नहीं किया गया. मैंने कभी इस्तीफा नहीं दिया.
गजेंद्र ने इस बातचीत में पायल की गिरफ्तारी और चार्जशीट पर नाम होने पर भी बात की. उन्होंने कहा कि, 'मुझे अच्छे से याद नहीं है कि उनका चार्जशीट में नाम था या नहीं. लेकिन स्टूडेंट्स के एक बड़े ग्रुप ने तत्कालीन एफटीआईआई निदेशक प्रशांत पाथराबे को बंधक बनाया था. सच कहूं तो अपहरण कर लिया था. वो डायबटीज़ से पीड़ित थे और उन्हें जबरदस्ती 12-14 घंटों तक बंधक बनाया हुआ था.'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पायल ने अपने बैचमेट्स के साथ मिलकर गजेंद्र चौहान के खिलाफ 139 दिनों तक प्रोस्टेट किया था. इस दौरान स्टूडेंट्स ने क्लास लेना बंद कर दिया था जिसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. प्रोस्टेट करने वालों में पायल का नाम भी शामिल था. इसके बाद 7 स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से एक पायल कपाड़िया का भी नाम शामिल था.
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