भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सदा ही सबको अहिंसा की राह दिखाई है. वहीं आज 2 अक्टूबर को पूरा भारत उनकी जयंती मना रहा है. जो सेनानी आजादी के समय उनके साथ खड़े रहें वो सौभाग्यशाली रहें होंगे. लेकिन जिन्हें इतिहास के पन्ने भी बाबू के किरदार को नहीं समझा पाए उन लोगों के बीच आई गांधी जी के जीवन पर बनी कुछ फ़िल्में और उन फिल्मों के जरिए हम समझ पाए की बाबू हमारे देश के लिए क्या मायने रखते थें.
'गांधी'
साल 1982 में आई फिल्म 'गांधी' एक अंग्रेजी भाषी बायोग्राफिक ड्रामा फिल्म थी. गांधी जी की जिंदगी पर बनी इस फिल्म का डायरेक्शन रिचर्ड एटनबोरो ने किया था. इस फिल्म में गांधी जी का किरदार हॉलीवुड अभिनेता बेन किंस्ले ने निभाया था. इस फिल्म को दर्शकों के बीच काफी पसंद किया गया था और इस शानदार फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड भी मिल चुका है.
हे राम
कमल हासन निर्देशित साल 2000 में आई फिल्म 'हे राम' में भारत के विभाजन और महात्मा गांधी की हत्या को दिखाया गया है. फिल्म में शाहरुख खान, ओम पुरी, रानी मुखर्जी और हेमा मालिनी जैसे दिग्गज कलाकार नजर आए थे. इस फिल्म में गांधी का किरदार नसीरुद्दीन शाह ने निभाया था.
गांधी माई फादर
पारिवारिक रिश्तों को दर्शाती फिल्म 'गांधी माई फादर' में गांधी जी और उनके बड़े बेटे हरिलाल गांधी के रिश्ते को दिखाया गया है. साल 2007 में आई इस फिल्म में अक्षय खन्ना ने हरिलाल गांधी की भूमिका निभाई थी.
द मेकिंग ऑफ़ महात्मा
श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दिखाया गया था कि किस तरह साउथ अफ्रीका में पढ़ते हुए गांधी जी को रेसिज्म का सामना करना पड़ा. इस फिल्म में गांधी जी की भूमिका निभाने पर रजित कपूर को नेशनल अवॉर्ड मिला था.
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'लगे रहो मुन्ना भाई'
साल 2007 की फिल्म 'लगे रहो मुन्ना भाई', महात्मा गांधी की विचारधारा और उनके सिद्धांतो पर बनी है. फिल्म में दिखाया गया है कि एक गुंडा मुन्ना यानी संजय दत्त एक रेडियो जॉकी से प्यार में पड़कर खुदको गांधी जी का सबसे बड़ा प्रसंशक बताता है. लेकिन कुछ ही समय बाद वो गांधी जी को इमेजिन करने लगते हैं.